डा. आरके अभिलाषी चेयरमैन प्रदेश के तकनीकी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाला अभिलाषी गु्रप का टी आर अभिलाषी मेमोरियल इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिगं एंड टेक्नोलॉजी आज हिमाचल ही नही, बल्कि उत्तर भारत में इंजीनियरिंग की एजुकेशन देने वाले संस्थानों में एक ब्रांड बनकर उभरा है। प्रदेश सहित देश के दस राज्यों के युवाओं को इंजीनियरिंग
डा. रघुवीर बरसौला केमिस्ट्री विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, धर्मशाला केमिस्ट्री में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने डा. रघुवीर बरसौला से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… केमिस्ट्री में करियर का क्या स्कोप है? वर्तमान युग विज्ञान का युग है। जीवन के हर फील्ड में विज्ञान का महत्त्व बढ़ा
यूपी विधानसभा के चालू सत्र के दौरान सदन में विस्फोटक मिलने से प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की पोल तो खुली ही, पर इसके साथ ही पीईटीएन विस्फोटक भी चर्चा में आया। विधानसभा के अंदर सफेद रंग का संदिग्ध पाउडर मिलने से हड़कंप मच गया था। 150 ग्राम वजन के इस पाउडर को फोरेंसिक लैब भेजा
बैंटनी भवन तब के सिरमौर के महाराजा का गर्मियों का निवास महल था, जिसका निर्माण 1880 ई. में हुआ था। इसका नाम गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक के नाम से लिया गया है, जो समीपवर्ती ग्रैंड होटल के संकुल में रहता था इसलिए सारी पहाड़ी को ही बैंटनी नाम से जाना जाता है… बैंटनी विरासत में
एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स करवाने वाले संस्थानों बारे जानकारी दें। — मनोज राणा, संगड़ाह एनिमेशन कार्टूनिंग में युवाओं के लिए करियर के अच्छे स्कोप हैं। एनिमेशन कार्टूनिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं दिल्ली कालेज ऑफ आर्ट, तिलक मार्ग, नई दिल्ली, सर जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइन पाल्दी अहमदाबाद। हेरिटेज
गुलाब और कांटों का अच्छा दोस्ताना है। दोस्ताने को आप किस नजर से देखते हैं,यह आप पर निर्भर है। कोई कहता है गुलाब के साथ कांटे हैं, कोई कहता है कांटों में ही गुलाब खिलते हैं। आपकी सोच से गुलाब को फर्क नहीं पड़ता… शिक्षक कहते हैं, लगन से पढ़ो। संत कहते हैं लगन से
जमीन के नीचे रहने वाले जीव-जंतुओं में यहां कई प्रकार के सांप पाए जाते हैं, जो अति जहरीले खड़पा व संखचूड़ आदि से लेकर कम जहरीले तक सांप भी हैं। भौगोलिक कठिनाई के बावजूद यहां के लोग परिश्रमी हैं और व्यापारिक प्रकृति के हैं… जीव – जंतु वनस्पति की भांति हिमाचल प्रदेश में अनेक प्रकार
ऋग्वेद में एक सुरा नामक पेय का भी उल्लेख है। सोम भक्त आर्य सुरा से कोई वास्ता नहीं रखते थे। वे उसे हीन दृष्टि से देखते थे। वशिष्ठ भी सुरा को पसंद नहीं करते थे, परंतु कुछ लोग सुरा के प्रेमी अवश्य थे। आज भी हिमाचल के भीतरी भागों में शराब को सूर या सुरा
कुल्लू, मंडी और कांगड़ा के लोकगीतों में पर्याप्त साझेदारी है। दूसरी ओर ऊपरी महासू के अधिकतर गीत दुर्गा, भूपाली के रंग में हैं और मुख्यतः नृत्य गीत हैं, परंतु संस्कार गीतों पर अन्य क्षेत्रीय गीतों का भी प्रभाव है। बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और साथ लगते क्षेत्रों पर पंजाब व जम्मू के गीतों का प्रभाव है…