शरीर-शुद्घि की प्राचीन आयुर्वेदिक पद्घति है पंचकर्म। आयुर्वेद के अनुसार, चिकित्सा के दो प्रकार होते हैं- शोधन चिकित्सा एवं शमन चिकित्सा। जिन रोगों से मुक्ति औषधियों द्वारा संभव नहीं होती, उन रोगों के कारक दोषों को शरीर से बाहर कर देने की पद्घति शोधन कहलाती है। यही शोधन चिकित्सा पंचकर्म है। पंचकर्म चिकित्सा में केरल
आज से करीब 20 साल पहले गर्म जलवायु में सेब उगाने की नामुमिकन बात को प्रगतिशील बागबान हरिमन शर्मा ने कड़ी मेहनत से मुमकिन कर दिखाया है। यही वजह रही कि गर्म बिलासपुर में सेब की एचआरएमएन-99 वैरायटी उगाकर अपनी जीतोड़ मेहनत के बूते आज बागबानी क्षेत्र में पूरे हिमाचल में उन्होंने एक अलग पहचान
डा. विजय भटकर भारत के वैज्ञानिक और आईटी के विशेषज्ञ हैं। उनकी सबसे बड़ी पहचान देश के पहले सुपर कम्प्यूटर परम के निर्माता और देश में सुपर कम्प्यूटर की शुरुआत से जुड़े सी-डैक के संस्थापन कार्यकारी निदेशक के तौर पर है। विजय भटकर को भारत के आईटी लीडर के नाम से भी जाना जाता है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा निम्न पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। पद – अप्रेंटिस क्लर्क। रिक्तियां – 113. शैक्षणिक योग्यता – किसी भी विषय में स्नातक डिग्री। आयु सीमा – 18 से 35 वर्ष। परीक्षा की तिथि – 26 फरवरी, 2017. ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि
दो गुटों में बंटी अंतरिम सरकार थोड़े से समय में ही उसने कई स्वस्थ परंपराएं डालने का प्रयास किया, किंतु लीग के आते ही कुछ भी काम कर सकना कठिन हो गया। लियाकत अली खां जिनके पास वित्त विभाग था, अन्य सभी विभागों के काम में रोड़े अटकाने लगे। मुस्लिम लीग के सदस्यों ने पंडित
‘ चंद्रनाहन झील ’ कौन सी चोटी के ऊपर स्थित है? (क) डुग्गी चोटी (ख) तलांग चोटी (ग) चांसल चोटी (घ) लालुनी चोटी ‘ रावी ’ नदी को और किस सांस्कृतिक नाम से जाना जाता है? (क) इरावती (ख) विपासा (ग) वितास्ता (घ) शतुद्रि ‘ दराटी दर्रा ’ हिमाचल प्रदेश के किस जिले में स्थित
यहां से हम सतलुज का दृश्य देख सकते हैं तथा पूर्व अनुमति से भूमिगत जल विद्युत परियोजना जिसे संजय विद्युत परियोजना के नाम से जाना जाता है तथा जो एशिया से अपनी तरह की योजना, को देख सकते हैं। इससे पांच किलोमीटर आगे वांगतू नामक स्थान है… बैंटनी विरासत से मिला यह भवन तब के
ऐसा माना जा सकता है कि संभवतः पांडवों ने भी बहुपति प्रथा खशों से ही ली हो। अब यह प्रथा लगभग बंद हो गई है। द्रोपदी द्वारा पांच पांडवों को पति रूप में स्वीकारना इतिहास की एक दुर्घटना मानी जा सकती है… प्रागैतिहासिक हिमाचल इस जाति का दर्जा राजपूतों से कुछ कम समझा जाता था।
कांगड़ा के विवाह संबंधी गीत जिन्हें ‘घोड़ी’ कहा जाता है, अपनी मिठास और विषय की गहनता के लिए अति लोकप्रिय हैं। विवाह संबंधी कई अन्य प्रकार के गीत भी हैं, जिन्हें ‘सोठणियां’ कहा जाता है… हिमाचल में वीर रस से भरे लोक नृत्य परंतु प्रायः गाए जाने वाले लोकगीत, प्रेम गाथाओं, वीर-गाथाओं, देव-स्तुतियों, ऋतु-प्रभात और