आस्था

आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार सभी प्राणियों में एक ही चेतना का अस्तित्व विद्यमान है। शरीर की दृष्टि से वे भले ही अलग-अलग हों, पर वस्तुत: आत्मिक दृष्टि से सभी एक हैं। इस संदर्भ में परामनोविज्ञान की मान्यता है विश्व मानस एक अथाह और असीम जल राशि की तरह है। व्यक्तिगत चेतना उसी विचार महासागर की एक नगण्य सी तरंग है, इसी के माध्यम से व्यक्ति अनेक विविध चेतनाएं उपलब्ध करता है और अपनी विशेषताएं सम्मिलित करके फिर उसे वापस उसी समुद्र को समर्पित कर देता है। इच्छा शक्ति द्वारा वस्तुओं को प्रभावित करना अब एक स्वतं

प्रदोष व्रत अति मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला है। यह व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है, इसलिए इसे वार के अनुसार पूजन करने का विधान शास्त्र सम्मत माना गया है।

मार्गशीर्ष अमावस्या को एक अन्य नाम ‘अगहन अमावस्या’ से भी जाना जाता है। यह अमावस्या मार्गशीर्ष माह में पड़ती है। इस अमावस्या का महत्व कार्तिक अमावस्या से कम नहीं है। जिस प्रकार कार्तिक मास की अमावस्या को लक्ष्मी का पूजन कर ‘दीपावली’ बनाई जाती है, उसी प्रकार इस दिन भी देवी लक्ष्मी का पूजन करना शुभ होता है।

मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस शिवरात्रि का भी बहुत महत्त्व है। शिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के अभिसरण का विशेष पर्व है। धार्मिक मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत आदि करने से भगवान शिव की विशेष कृपा द्वारा कोई भी मुश्किल और असम्भव कार्य पूरे किए जा सकते हैं।

हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की कई कथाएं और लीलाएं पढऩे और सुनने को मिलती हैं। देश में भगवान के अनेक मंदिर स्थापित हैं। भगवान की जन्मभूमि मथुरा और वृदांवन के कण-कण में इनकी

कुल्लू जिले में छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध निरमंड का चार दिवसीय ऐतिहासिक और धार्मिक जिला स्तरीय बूढ़ी दिवाली मेला 12 से 15 दिसंबर तक आयोजित होगा।

बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित मां भवानी मंदिर थावे, मां दुर्गा को समर्पित मंदिरों में से एक है, जो अपने आपमें बहुत महत्त्व रखता है। यहां आने वाले भक्तों के अनुसार...

बाबा हरदेव गतांक से आगे.. जब आनंद स्वरूप है तो दु:ख स्वरूप क्यों हुआ? कारण दिशा ठीक नहीं। यदि दिशा ठीक हो जाए तो दशा ठीक होने से कोई नहीं रोक सकता। सद्गुरु मनुष्य को उचित दिशा देता है तो मनुष्य के जीवन में परिवर्तन आना स्वाभाविक हो जाता है। घर में रोशनी हो जाए

फटी एडिय़ों से निजात पाने के लिए शहद को गर्म पानी में डालकर फुट स्क्रब या फुट मास्क के रूप में उपयोग कर सकते हैं।