आस्था

हिंदू धर्मग्रंथों और पुराणों में धन और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी या लक्ष्मी को माना गया है। महालक्ष्मी की पूजा और आराधना के लिए यूं तो पूरे देश में अनेक मंदिर हैं, लेकिन ये हैं भारत के विख्यात महालक्ष्मी मंदिर, जहां धन और समृद्धि की मन्नतें लिए पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं… महालक्ष्मी

इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के समीप टेकरी पर देवी के नौ स्वरूपों में विराजित प्राचीन बिजासन माता मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां नवरात्र में तो भक्तों की भीड़ रहती ही है, लेकिन आम दिनों में भी यहां माता के दर्शन हेतु भक्तों का आवागन लगा रहता है। पहाड़ी पर विराजित बिजासन माता

-गतांक से आगे… गुह्यशक्तिर्गुह्यतत्त्वा सर्वदा सर्वतोमुखी। भगिनी च निराधारा निराहारा प्रकीर्तिता।। 66।। निरङ्कुशपदोद्भूता चक्रहस्ता विशोधिका। स्रग्विणी पद्मसम्भेदकारिणी परिकीर्तिता।। 67।। परावरविधानज्ञा महापुरुषपूर्वजा। परावरज्ञा विद्या च विद्युज्जिह्वा जिताश्रया।। 68।। विद्यामयी सहस्राक्षी सहस्रवदनात्मजा। सहस्ररश्मिःसत्वस्था महेश्वरपदाश्रया।। 69।। ज्वालिनी सन्मया व्याप्ता चिन्मया पद्मभेदिका। महाश्रया महामंत्रा महादेवमनोरमा।। 70।। व्योमलक्ष्मीः सिंहरथा चेकितानाऽमितप्रभा। विश्वेश्वरी भगवती सकला कालहारिणी।। 71।। सर्ववेद्या सर्वभद्रा गुह्या दूढा गुहारणी।

हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां कई धार्मिक स्थल हैं। ऐसा ही एक ऐतिहासिक शिव स्थल जसूर में मठोली में स्थित है। कथानुसार उक्त स्थान पर कोटा शहर होता था, जोकि राजा जयचंद के राजवाड़े में आता था। मठोली में एक मंदिर होता था, जिसको अब शिवद्वाला कहा जाता है।

लुंगड़ू की हरी कोमल डंठल में विटामिन ए, विटामिन बी कांप्लेक्स, पोटाशियम, कॉपर, आयरन, फैटी एसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, कैरोटिन और मिनरल्ज भरपूर मात्रा में मौजूद हैं। इन दिनों बाजार में लुंगड़ू आसानी से मिल जाता है। इसकी सब्जी और साग बनाकर भी खाया जाता है। पहाड़ी व्यजनों में इसका मधरा और अचार भी बनाया

श्री देवी जी कहती हैं-हे देवदेवेश, हे देवताओं से प्रपूजित, हे भगवान, आपने मुझसे सब कुछ कहा, परंतु मृत्युहर, सर्व रक्षाकर, अशुभनाशक कवच नहीं कहा। कृपया कर कहिए, यदि मेरे ऊपर आपका परम स्नेह है तो। श्री शिवजी न कहा – इस मृत्युंजय मंत्र के वामदेव ऋषि गायत्री छंद मृत्युंजय देवता हैं। साधकों के मनोरथ

भारत ही नहीं, इस खजाने के पीछे पाक भी अपनी नजरें गड़ाए बैठा है जो लगातार अपने हिस्से की मांग करता रहता है। 11 अगस्त 1976 को भुट्टो ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को एक खत लिखा जिसमें पाकिस्तान ने खुद को जयगढ़ की दौलत का हकदार मानते हुए लिखा कि विभाजन के समय ऐसी

स्वामी रामस्वरूप श्रीकृष्ण महाराज ईश्वर के दिव्य गुणों का वर्णन कर रहे हैं कि ईश्वर प्रकृति द्वारा रचित अग्नि, वायु, जल, आकाश, पृथ्वी यह पांच भूत और इन पांच भूतों से रचित संसार जिसमें जड़ और चेतन दोनों जगत आ जाते हैं। उन सबका स्वामी एक ही ईश्वर है और वह ईश्वर संसार के प्रत्येक

जेन कहानियां तोसुई एक प्रसिद्ध जेन गुरु थे। वे जापान के कई प्रांतों में कितने ही शिष्यों को पढ़ा चुके थे। एक दिन अचानक उन्होंने शिक्षा देना बंद कर दिया और कहीं गायब हो गए। किसी को खबर नहीं थी कि वे कहां हैं। तीन वर्ष बाद उनके किसी पुराने शिष्य को उनके बारे में