आस्था

इस प्रकार वह ब्रह्मांड का एक अंश है। मनुष्य का शरीर देव मंदिर है तथा उसमें इष्टदेव का चिर निवास है, किंतु अज्ञानवश हम उसे जानने में असमर्थ रहते हैं। इष्टदेव की अपार शक्ति को अपनी क्रियाशक्ति के द्वारा पहचानने और उसकी सुषुप्ति को चैतन्य बनाकर आत्मकल्याण प्राप्त करने के लिए पूर्वाचार्यों ने अनेक मार्ग

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… यह कैसा अनोखा पागलपन है। मैं कहां विश्वनाथ दत्त का पुत्र और कहां इनकी ये सब बातें। श्रीरामकृष्ण इसके बाद फिर से भक्तों के बीच लौटकर स्वाभाविक रूप से बातचीत करने लगे, तो नरेंद्र ने उनकी विशेष रूप से परीक्षा करके देखा। उनके चाल- चलन और बातों से पागलपन का

आपके पास जो कुछ भी है, सब भगवान का है। आप तो उन सबकी यथायोग्य सेवा और सदुपयोग करने के लिए भगवान के द्वारा नियुक्त किए हुए मुनीम हैं। आपने उन वस्तुओं को अपनी और अपने भोगसुख के लिए ही मिली हुई मान लिया है, यही आपकी गलती है। सेवा से मुंह मोडि़ए नहीं और

एते चान्य च नरकाः शतशोऽथ सहस्रशः। येष दुष्कृतकर्माणाः पच्यंते यातानागतः। यथैव पापन्येतानि तथान्यानि सहस्रशः। भुज्यंते तानि पुरुषैनैरकांतागोचरैः। वर्णाश्रमविरुद्धं च कर्म कुर्वन्नि ये नराः। कर्मणा मनसा वाचा निरुयषु पतंति ते। अधाः शिरोभिर्द्दश्यप्ते नागकैदिवि देवताः। देवाश्चाधोसुखान्सनिधः पश्यंति नारकान। स्थावराः क्रिमयोऽब्जाश्च पक्षिण पशवौनराः। धार्मिकास्त्रिदशास्तद्वन्मोक्षिश्च यथाक्रमम्। सहस्रभागप्रथमा द्वितीयानुक्रामस्था। सर्वे ह्येते महाभाग यावन्मुक्तिसमाश्रयाः। यावंतो जंतधः स्वर्गेतावन्तो नरकोकसः। पाकुयाति नरक प्रायश्चित्तपराङ

इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स गुण शरीर से विषैले टॉक्सिंज को निकालने में मदद करते हैं, जिससे आप कब्ज और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचे रहते हैं। नियतिम रूप से स्प्राउट्स का सेवन कोलन, बेस्ट और अन्य तरह के कैंसर से भी बचाव करता है…  स्प्राउट्स यानी अंकुरित अनाज का सेवन सेहत के लिए काफी

गतांक से आगे… आचार्य के महाप्रस्थान या स्वधाम गमन के बारे में विद्वानों की अलग-अलग राय है। शृंगेरी पीठ से संबंधित ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि आचार्य शंकर ने बद्रीनारायण के दर्शनों के बाद दत्तात्रेय गुफा के दर्शन किए, फिर कैलाश में जाकर अपनी देह का त्याग किया। जबकि कामकोटि के ग्रंथों के अनुसार

श्रीश्री रवि शंकर एक शिक्षक ने कहा था कि ईश्वर उत्तम है। ईश्वर ने हमें बनाया है, पर जब हम उत्तम हैं, तो क्या एक इंजीनियर का काम भी उत्तम नहीं होना चाहिए, पर ऐसा तो नहीं होता। प्रश्न उत्तम है और उत्तर और भी उत्तम है। सृष्टि में हरेक चीज उत्तमता के एक स्तर

मस्तिष्क में असंतुलन का दौरा पड़ता है। रोगी के मस्तिष्क का एक बहुत छोटा अंश यह अनुमान लगाने की चेष्टा करता है कि इस आकस्मिक हलचल का कारण क्या हो सकता है? उसे दूसरे लोगों पर भूतों का आवेश आने की जानकारी देखने या सुनने से पहले ही मिल चुकी होती है। अस्तु क्षण भर

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए