आस्था

मृत्यु के बाद कुछ न कुछ अवश्य होता है। इसी हलचल का नाम जीवन है। अतएव, यह सत्य प्रमाणित है कि मृत्यु के बाद जीवन है। यह क्या है? कैसा है? कहां है? इस पर विवाद है, पर जीवन का अस्तित्व अवश्य ही है… गतांक से आगे… कुछ घटनाएं ऐसी भी सुनने को मिलती हैं

-गतांक से आगे… पे्रत-देही-कर्ण-पूरा प्रेत-पाणि-सुमेखला। प्रेतासना प्रिय-प्रेता प्रेत-भूमि-कृतालया ।। 16।। श्मशान-वासिनी पुण्या पुण्यदा कुल-पंडिता। पुण्यालया पुण्य-देहा पुण्य-श्लोका च पावनी।। 17।। पूता पवित्रा परमा परा पुण्य-विभूषणा। पुण्य-नाम्नी भीति-हरा वरदा खङ्ग-पाशिनी।। 18।। नृ-मुण्ड-हस्ता शस्त्रा च छिन्नमस्ता सुनासिका। दक्षिणा श्यामला श्यामा शांता पीनोन्नत-स्तनी।। 19।। दिग बरा घोर-रावा सृक्कांता-रक्त-वाहिनी। महा-रावा शिवा संज्ञा निःसंगा मदनातुरा।। 20।। मत्ता प्रमत्ता मदना सुधा-सिंधु-निवासिनी।

बाबा हरदेव महात्माओं का कथन है कि जहां जानने को और कुछ भी नहीं, जहां केवल तीन चीजें हैं। आत्मा है, जगत है और आत्मा और जगत के बीच एक ‘तृष्णा’ का भ्रांत संबंध जिसको अध्यात्म में ‘अविद्या’, ‘माया’ और ‘अज्ञान’ कहते हैं। अब आत्मा यानी चैतन्य मात्र हमारे भीतर बाहर और चारों तरफ है

4 फरवरी रविवार, माघ, कृष्णपक्ष. चतुर्थी 5 फरवरी सोमवार, माघ, कृष्णपक्ष, पंचमी 6 फरवरी मंगलवार, माघ,  कृष्णपक्ष, षष्ठी 7 फरवरी बुधवार,  माघ, कृष्णपक्ष, सप्तमी 8 फरवरी बृहस्पतिवार, माघ, कृष्णपक्ष, अष्टमी 9 फरवरी शुक्रवार, माघ, कृष्णपक्ष, नवमी, रामदास नवमी 10 फरवरी शनिवार, माघ, कृष्णपक्ष, दशमी, स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती

यह तब भी कुलीन वर्गों का खेल था, आज भी अमीरों से ही शुरुआत है। भारत में राष्ट्रीय महिला आयोग के 2012 में जारी एक अध्ययन के मुताबिक लगभग 3000 प्रजनन क्लीनिक हैं, लेकिन इनमें 39 ही आइसीएमआर से पंजीकृत हैं… -गतांक से आगे… इसके लिए सेरोगेट महिला के पति की स्वीकृति भी जरूरी हो

हे जनक! जैसे अग्नि में तपाए हुए लोहे के गोले में अग्नि समाई हुई रहती हैं, उसी प्रकार विज्ञान रूप अंतःकरण यह चेतन आत्मा तादात्म्य होकर रहती है। जैसे लोहे में पाई जाने वाली अग्नि का लोहमय कहते हैं, उसी प्रकार विज्ञान रूप अंतकरण में व्याप्त आत्मा को शास्त्र वेत्ता विज्ञानमय कहते हैं और हे

कला से अध्यात्म तक किस्त-21 गुरुओं, अवतारों, पैगंबरों, ऐतिहासिक पात्रों तथा कांगड़ा ब्राइड जैसे कलात्मक चित्रों के रचयिता सोभा सिंह पर लेखक डॉ. कुलवंत सिंह खोखर द्वारा लिखी किताब ‘सोल एंड प्रिंसिपल्स’ कई सामाजिक पहलुओं को उद्घाटित करती है। अंग्रेजी में लिखी इस किताब के अनुवाद क्रम में आज पेश हैं विवाह पर उनके विचार:

* दूसरों की तरह बनने की कोशिश करने वाले लोग अपनी पहचान खो देते हैं * आस्था वो पक्षी है जो सुबह अंधेरा होने पर भी उजाले को महसूस कराता है * असल जीवन की सबसे बड़ी विफलता है हमारा असत्यवादी होना * विश्वास वह शक्ति है, जिससे उजड़ी हुई दुनिया में भी प्रकाश किया

श्रीश्री रवि शंकर ध्यान की हल्की सी झलक भी किसी का जीवन बदल सकती है। ध्यान, जो छठा हिस्सा है इसको प्राप्त कर लेने के बाद पहला यम व दूसरा नियम स्वतः प्राप्त हो जाता है।  योग इस विश्व के लिए अमूल्य धरोहर है। हमें आज योग के प्रामाणिक शिक्षकों की आवश्यकता है, जो इसके