आस्था

भोजन में खासकर हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, कद्दू, शकरकंदी, नारियल, सोयाबीन आदि जरूर शामिल हो। फॉलिक एसिड की कमी से भी महिलाएं थकान महसूस करती हैं। फॉलिक एसिड नई कोशिकाओं को विकसित करता है… आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कामकाजी महिलाएं हों या गृहिणियां हमेशा अपने स्वास्थ्य को इग्नोर करती हैं। वे दिन भर

आज के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर इतने जागरूक हो गए हैं कि हेल्दी फूड को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है।  हो भी क्यों न हेल्दी फूड शरीर को मजबूत बनाता है तथा रोगों से लड़ने के लिए आपकी इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाता है, लेकिन अच्छी सेहत के लिए हेल्दी खाना ही पर्याप्त

13 अगस्त रविवार, श्रावण, कृष्णपक्ष, षष्ठी, चंदन षष्ठी व्रत 14 अगस्त सोमवार, श्रावण, कृष्णपक्ष, सप्तमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत 15 अगस्त मंगलवार, श्रावण, कृष्णपक्ष, अष्टमी, श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त बुधवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, नवमी, भाद्रपद संक्रांति 17 अगस्त बृहस्पतिवार, भाद्रपद,  कृष्णपक्ष, दशमी 18 अगस्त शुक्रवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, एकादशी, अजा एकादशी व्रत 19 अगस्त शनिवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष,

घंटों लगातार एक ही पोजीशन में बैठकर काम करने की वजह से कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो जाती हैं। इसीमें से एक है साइटिका का दर्द। यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि बीमारियों का लक्षण है। गलत जीवनशैली की वजह से नसों में तेज दर्द होने लगता है। कमर से लेकर पैर की नसों

बाबा हरदेव मनुष्य की इंद्रियां माला के मनके जैसी हैं और चेतना धागे जैसी है, जिसने पांचों इंद्रियों को संभाल रखा है। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण जी महाराज पवित्र गीता में फरमाते हैं, समस्त भूतों में मैं चेतना हूं। चुनांचे ऊपर वर्णन  की गई वास्तविकता से स्पष्ट होता है कि हमारी इंद्रियों से ज्यादा असमर्थ कोई

अन्य प्रकार से देखें तो पहला नेत्र धरती, दूसरा आकाश और तीसरा नेत्र बुद्धि के देव सूर्य की ज्योति से प्राप्त ज्ञान, अग्रि का प्रतीक है। ज्ञान जब खुला तो कामदेव भस्म हुआ। अर्थात जब आप अपने ज्ञान और विवेक की आंख खोलते हैं तो कामदेव जैसी बुराई लालच, भ्रम, अंधकार आदि से स्वयं को

मां मन्यसे त्व सद्दशं नून शक्रतरद्विजैः। अतीऽवमानत्मासु मानिता कृतम्।। महत्ता भवता यस्मात्क्षिप्ता महीतले। तस्मात्प्रणष्टलक्ष्मीकं त्रेलोक्य ते भविष्यति।। यस्य सञ्जातकोपस्य भयमेति चराचरम्। तं त्धं मामतिगर्वेण देवराजावमत्यरे।। महेंद्रो वारणस्कन्धादवतीर्य वरान्वितः। प्रसादयामास मुनि दुर्वाससंकल्पम्।। प्रसात्तामाना स सदा प्रणिपातपुरः सरम्। इत्युवाच सहस्राक्ष दुर्वासा मुनिसत्तमः।। नाहं कृपणहृदयो न च मां भजते क्षमा। अन्ये ते मुनयः शक्र दुर्वासामहि माम्।। गौतमादिभिरत्यैवस्त्वं गर्वमारोपितो

प्रभु विश्वकर्मा के ऐसे वचन सुनकर वास्तु के सहित बृहस्पति गुरु कश्यप महर्षि के यहां जाने के लिए रवाना हुए। दूसरी तरफ विश्वकर्मा ने लगन की सारी तैयारी करने के लिए अपने पांचों मानस पुत्रों को बुलाया तथा हर एक को उनके योग्य कामकाज सौंप दिए… इसके बाद छोटी बहन का भी उन्होंने विधिपूर्वक लगन

लगातार स्क्रीन की ओर देखते रहने से पलकों का झपकना भी कम हो जाता है। इसके चलते नजर कमजोर होना, सिर दर्द और चक्कर जैसी समस्याएं घेर सकती हैं। बिना किसी से बातचीत किए लगातार कई घंटों तक कम्प्यूटर पर काम करते रहने पर थकान और तनाव के कारण एपैथी सिंड्रोम होने का डर है।