आस्था

बच्चे को सामान्य रूप से उपयोग और प्रयोग में आने वाली चीजों का प्रारंभिक ज्ञान कराया जा सकता है। जैसे-दूध कैसे प्राप्त होता है? उसकी क्या उपयोगिता है? वह कब हानि और कब लाभ करता है? अच्छे और खराब दूध की क्या पहचान है? अन्न कैसे उत्पन्न होता है? कौन-सा अन्न कैसा होता है और

कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिसका यदि समय रहते पता न चले या फिर इस बीमारी को जड़ से खत्म न किया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है। कैंसर सैल्स को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कीमोथैरेपी की जाती है। यह थैरेपी कैंसर के सैल्स को शरीर के दूसरे

थकान मानसिक या शारीरिक दोनों तरह की हो सकती है। आपके शरीर में होने वाली थकावट कई तरह के कारणों की वजह से होती है। थकान या सुस्ती होने से आलस का अनुभव होता है। जिस व्यक्ति को हर समय थकान होती है, उसे अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता

एक्सरसाइज की दिनचर्या बनाने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। एक्सरसाइज एक चमत्कारी दवा की तरह है जिसकी एक बार आदत लग जाने पर इसे छोड़ना मुश्किल होता है, जो आपके शरीर और स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा संकेत है। प्रतिदिन वाकिंग करने से स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं।

देवसेना इतनी बुरी तरह विचलित हुई कि इंद्र को भी आश्चर्य हुआ। तब उसने अपने बचाव के लिए विष्णु जी से कहा, किंतु विष्णु जी ने इंद्र से कहा कि तुम कायर मत बनो और युद्ध करो। तुम भी अपनी माया का विस्तार करो और अपने शत्रु के प्रयोजन को नष्ट कर दो… इंद्र भागने

चुकंदर का जूस मानव शरीर में खून बनाने की प्रक्रिया में उपयोगी होता है। आयरन की प्रचुरता के कारण यह लाल रक्त कोशिकाओं को सक्रिय और उनकी पुनर्रचना करता है। यह एनीमिया के उपचार में विशेष रूप से उपयोगी होता है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है… चुकंदर स्वास्थ्य के लिए काफी

यदि हम ग्रहण काल से भयभीत होने के बजाय उसे साधना काल की तरह लें और समर्पित भाव से साधना करें, तो ग्रहण काल हमारे लिए कल्प वृक्ष बन जाता है। इस साधना काल को यूं ही व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए… सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को लेकर भारतीय समाज बहुत सजग रहा है। ग्रहण

ऐसे तो हमारे देश में कई सारे ऐसे कुंड हैं, जहां से गर्म पानी निकलता है। पर आज हम आपको बताने जा रहे है पटना के समीप स्थित राजगीर के बारे में। राजगीर को भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। देव नगरी राजगीर सभी धर्मों की संगम स्थली है। कथाओं

ग्रहणकाल में भगवान शिव की विषपायी नीलकंठ की विशेष रूप से उपासना की जाती है। उनकी आराधना से ग्रहण के समस्त कुप्रभाव नष्ट होते ही हैं, व्यक्ति के लौकिक और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग भी खुलते हैं। ग्रहण की कालावधि में महामृत्युंजय मंत्र अथवा भगवान शिव के अतिप्रिय मंत्र -ॐ नमः शिवाय का जाप किया