आस्था

श्रीराम शर्मा प्रसन्नता एक मनोभाव है, एक सकारात्मक मनोदशा है। हमारी जैसी मनःस्थिति होती है, वैसे ही हमारे शरीर में भौतिक-रासायनिक परिवर्तन घटित होते हैं।  हमारी मनोदशा जीवन की परिस्थितियों के प्रति जन्म लेने वाली प्रतिक्रिया से जुड़ी होती है और हमारी प्रसन्नता व खिन्नता भी इस बात पर निर्भर करती है कि प्रतिकूल और

कई लोगों को गाउट की समस्या होती है और जिसके कारण उनके पैर के अंगूठे में बार-बार दर्द होता है और यह दर्द इतना तेज होता है कि उन्हें दर्द को रोकने के लिए पेनकिलर खानी पड़ती है, लेकिन क्या आप जानते हैं आप गाउट की समस्या को समय से पहले ही पहचान सकते हैं।

मुंह के छाले छोटे होते हैं मगर दर्द बहुत देते हैं। मुंह में छालों के कारण न सही तरह से खाना खा पाते हैं और न ही बात कर पाते हैं। साधारणतः ये छाले शरीर में पौष्टिकता की कमी के कारण होते हैं, लेकिन कभी-कभी खराब जीवनशैली या खान-पान में गड़बड़ी के कारण भी मुंह

कैल्शियम और आयरन हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाए रखने और शरीर में खून की कमी को रोकने में बहुत मददगार होते हैं। आप स्वादिष्ट तरीके से कैल्शियम और आयरन का सेवन कर अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं। कई पोषण विशेषज्ञ यह बताते हैं कि कई तरीकों से कैल्शियम और आयरन युक्त

ओशो दुख पर ध्यान दोगे तो हमेशा दुखी रहोगे, सुख पर ध्यान देना शुरू करो। दरअसल, तुम जिस पर ध्यान देते हो वह चीज सक्रिय हो जाती है। ध्यान सबसे बड़ी कुंजी है। दुख को त्यागो। लगता है कि तुम दुख में मजा लेने वाले हो, तुम्हें कष्ट से प्रेम है। दुख से लगाव होना

कढ़ी पत्ते में आयरन, फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है जिससे इन्हें प्रयोग करने से बाल सफेद नहीं होते हैं। कढ़ी पत्ता भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ हमारी सेहत को भी दुरुस्त रखने में मददगार है। जानते हैं इसके महत्त्वपूर्ण फायदों के बारे में। जरूरत से ज्यादा केमिकल का इस्तेमाल और प्रदूषण की वजह

शंख पुष्पी दिमाग को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग में रक्त का सही सर्कुलेशन करके हमारी रचनात्मकता को भी बढ़ावा देती है। यह जड़ी-बूटी हमारी याद करने की क्षमता और सीखने की क्षमता को भी बढ़ाती है… दिमाग हमारे शरीर को वो हिस्सा है जिसके संकेत के बिना शरीर का कोई भी अंग काम नहीं कर

रंग, विविधता और आकर्षण के पर्याय हैं। विविधता को रचने और आकर्षण पैदा करने की रंगों की क्षमता के कारण ही यह कहा जाता है कि यह दुनिया है ही रास-रंग की। रंगविहीन दुनिया कितनी नीरस, एकांगी और स्थिर होती, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है। इस दुनिया में जीने की सहज और सही

सुजानपुर टीहरा व्यास नदी के किनारे बसा हुआ एक सुरम्य उपनगर है, जो कटोच राजाओं की कर्म भूमि रहा है। छोटे-छोटे प्राकृतिक टीलों पर बसे छोटे-बड़े गांव इसको भव्यता प्रदान करते हैं, तो नगर के बीचोंबीच चौगान का विस्तृत प्रमाण इसे विशालता प्रदान करता है। भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मुरली मनोहर मंदिर तथा भगवान