आस्था

नूरपुर उपमंडल के प्राचीन किले में स्थित श्री बृजराज स्वामी मंदिर। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां श्रीकृष्ण के साथ राधा नहीं, बल्कि मीरा है। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ अष्टधातु से बनी मीरा की प्रतिमा है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। कहते हैं कि श्री बृजराज स्वामी मंदिर

खुदाई गहरी होती गई और शिवलिंग का धरती के अंदर आकार बढ़ता गया। पचास फुट से अधिक की खुदाई हुई मगर शिवलिंग का अंतिम छोर पता नहीं चल सका। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि तब खुदाई में लगे लोगों के स्वप्न में आकर भगवान शिव ने स्वयं कहा कि वे आदि उमानाथ हैं… उमानाथ

पंचमी की विधिवत शुरुआत वसंत पंचमी से मानी जाती है। यह ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की आराधना का पर्व भी है। इस दिन मां सरस्वती की उपासना बहुत फलदायी होती है, इसी कारण विद्यालयों और विद्यार्थियों के बीच इस तिथि को लेकर बहुत उत्साह रहता है। इस दिन विविध मंत्रों से सरस्वती वंदना

यह मंदिर भारत के प्राचीन तीर्थ स्थानों में से एक है। यहां भगवान सुब्रमण्या को सभी नागों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है… कुक्के सुब्रमण्या एक हिंदू मंदिर है। यह भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले, मंगलूर के पास सुल्लिया तालुक के  एक छोटे से गांव में अवस्थित है। यह मंदिर

धर्माऽधर्मौ सुखं दुखं मानसानि न ते विभो। न कर्ताऽसि न भोक्ताऽसि मुक्त एवासि सर्वदा।। अष्टावक्र राजा जनक को विभो (सर्वव्यापी, सर्वात्मा) का संबोधन देते हुए कहते हैं कि हे विभो! धर्म-अधर्म, सुख-दुख तो मन के लिए हैं, तेरे लिए नहीं। क्योंंकि न तो तू कर्ता है और न ही भोक्ता। तू तो सदैव ही मुक्त

मां सरस्वती, वाक् शक्ति हैं। जीवन में वाक् की बहुत महत्ता है और इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हम वाक् के शुद्ध रूप से परिचित हों।  वाक् शुद्धि के जरिए हम बेहतर मनुष्य कैसे बन सकते हैं,  इसके बारे में बता रहे हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव …. आप जो बोलते हैं, वह सबसे

प्रायः सम्मोहन को नकारात्मक दृष्टि से किए जाने वाले जादू-टोने के रूप में लिया जाता है। भारतीय संदर्भों में देखें तो यह बात पूरी तरह सही नहीं है। यहां सम्मोहन को एक साधना के रूप में लिया जाता है। सम्मोहन विद्या में दक्षता प्राप्त करने की शुरुआत त्राटक से की जाती है… सम्मोहन को लेकर

विधुंमाली ने नंदीश्वर को घेर लिया और दोनों वीरों में तुमुल युद्ध होने लगा। इस पर नंदीश्वर ने विधुंमाली की छाती में एक ऐसी भयंकर शक्ति से ऐसा तीव्र प्रहार किया कि उसके वक्ष से रक्त की एक धारा बह निकली। जिससे क्रुद्ध होकर उसने हाथ से एक वृक्ष उखाड़ कर नंदीश्वर पर दे फेंका।

हर मां-बाप के लिए बच्चे का नहीं खाना टेंशन है। फास्ट फूड का बढ़ता प्रचलन हर किसी के लिए परेशानी बन सकता है। छोटे-छोटे बच्चे भी कुरकुरे, चिप्स और मैगी खाना चाहते हैं। फास्ट फूड के खाने से होने वाली परेशानियों से बच्चे ही नहीं मां-बाप भी अनभिज्ञ हैं। सच तो यह है कि फास्ट