पाठकों के पत्र

हमारे देश में पत्थर को भी पूजा जाता है। नदियों की पूजा की जाती है। अपने पूर्वजों को याद करने के लिए हमारे देश में श्राद्धों का आयोजन किया जाता है। हमारे देश की महान संस्कृति हमेशा ही संदेश देती है कि हमें अपने पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए। पूर्वजों का सम्मान करने से एक तो नैतिकता का संचार होता है, दूसरा उनके बताए रास्तों पर चलने से कोई भी इनसान जिंदगी

हमारे देश में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं व बुराइयों की मुख्य वजह हमारा स्वार्थ भी है। स्वार्थ के वशीभूत होकर हम एक तो बुरा देख कर भी धृतराष्ट्र बने रहते हैं, दूसरा अपने स्वार्थ के लिए चापलूसी, निंदा, चुगली और गलत भाषा बोलने से गुरेज

यह अच्छी बात है कि हम दुनिया की आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने की सोच रखते हैं, लेकिन ऐसा संभव होने में दो-तीन दशक से भी ऊपर का समय लग सकता है। देशवासियों के मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या महाशक्ति बनने पर देश के 80 करोड़ गरीब जिनको मुफ्त राशन दिया जा रहा है, वह गरीबी से मुक्त हो सकते हैं या नहीं? युवाओं को बेरोजगारी से और जनता को

25 जनवरी, वर्ष 1950 को स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। जब से चुनाव आयोग की स्थापना हुई है और जो कोई भी निर्वाचन आयुक्त हुए, उनकी देखरेख में चुनाव प्रक्रिया में सुधार हुआ भी है। देश में हर समय चुनाव का मेला लगा रहने से आदर्श आचार संहिता के कारण नए विकास के काम रफ्तार नहीं पकड़ पाते, इससे राजनीतिक दलों के खर्च पर नियंत्रण तथा चुनाव में कालाधन खपाने जैसी समस्याओं पर भी लगाम नहीं लग पाती। सरकारी विभागों के कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया में व्यस्त रहते हैं। इससे आमजन को सरकारी विभागों में काम करवाने में परेशानी होती है। सरकारी स्कूलों

भारत एक हजार वर्ष से आतताइयों से लोहा ले रहा है। विदेशी आतताइयों ने भारत को छिन्न भिन्न करने के लिए सबसे पहले भारतीय संस्कृति पर हमला किया। अंग्रेजों ने जाते जाते अलगाववाद के बीज बोए। भारत में और भारत के बाहर भारत के खिलाफ आज भी षड्यं

यह देखा जाता है कि जिन देशों में जमीनी स्तर पर विकास की गतिविधियां वास्तविक रूप से बढ़ती हैं, तो उन देशों में लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगती है और रोजगार में बढ़ोतरी होती है, गरीबी और भुखमरी खात्मे की ओर अग्रसर होती हैं, खुशहाली का मंजर देखने को मिलता है। लेकिन इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि कुछ देशों में विकास की गतिविधियों के बावजूद न तो बेरोजगारी की स्थिति सुधरने लगती है

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन दिवस मनाने की घोषणा सन् 1980 में की थी। पहला विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर 1980 को मनाया गया था। वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनियाभर के पर्यटन क्षेत्र को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। इससे उन देशों की आर्थिक व्यवस्था

कनाडा में एक सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच गंभीर कूटनीतिक विवाद उत्पन्न होता दिख रहा है। इसका असर दोनों देशों के व्यापार और अन्य क्षेत्रों पर पड़ सकता है। भारत के बाद सबसे अधिक सिख आबादी कनाडा में रहती है।

एक तो सरकारों की निजीकरण और लैटरल एंट्री की नीति के कारण आरक्षित वर्ग के लिए नौकरियों में पदों की कमी होती जा रही है, और ऊपर से भर्ती करने वाले संस्थानों के भेदभाव वाले रवैये का खामियाजा एससी, एसटी, ओबीसी को भुगतना पड़ता होगा। 2018 से 2023 तक देश के विभिन्न हाईकोर्ट में 604