पाठकों के पत्र

(शशि राणा, कलोहा ) हम इक्कीसवीं सदी में जीते हुए भारत के डिजिटल होने का सपना देख रहे हैं। यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। वहीं हमारे देश का एक वर्ग ऐसा भी है, जिसे दो वक्त की रोटी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। उस वर्ग का नाम है-गरीब वर्ग।

(नंदकिशोर परिमल, गुलेर, देहरा ) दीपों का है त्योहार दिवाली, बच्चों का है शृंगार दिवाली। वर्ष भर इंतजार कराए, खुशियां अपार अपने संग लाए दिवाली। सबके मन में नया संचार यह भरती, स्वच्छता का पाठ पढ़ाए दिवाली। हर इक के मन में लड्डू फूटें, मुबारक हो सबको त्योहार दिवाली। छोटा-बड़ा आज न दिखे, सबके मन

(राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा ) हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो गई है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख पास आ रही है, राजनीतिक दल मतदाताओं को कई तरीकों से लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए नेता बड़ी-बड़ी रैलियां करेंगे, तो कुछ घर-घर जाकर प्रदेशवासियों को लुभाने का प्रयास करेंगे। सभी

(रूप सिंह नेगी, सोलन ) इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही माना जाना चाहिए कि कोटखाई में बिटिया प्रकरण में सीबीआई को भी कातिलों का सुराग अब तक हाथ नहीं लग पाया है। संभवतयः इसीलिए माननीय उच्च न्यायालय ने एक बार फिर से सीबीआई को फटकार लगाई है। आने वाले समय में इस मामले की जांच क्या करवट

दिवाली भारत की है (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) बाहर से चमचम है चीनी, अंदर नकली जाली है। धन है लक्ष्मी, मत फेंको तुम, ड्रैगन गंदी नाली है। खाओ मत या छेद करो मत, यह स्वदेश की थाली है। चीनी तिलिस्म का कोई छोर नहीं, अति लुभावनी, पर खाली है। जिसने भी अपना अपनाया,

लाडो रोती कुंभकार की (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) नृत्य कर रही है चीनी, देशी भूखी, मरने वाली। जला रही लडि़यां ड्रैगन की, है अनपढ़ तेरी साली। वीवो, ओप्पो फुदक रहे हैं, अपनी जेबें हैं खाली। लाडो रोती कुंभकार की, घर में छाई बदहाली। दस हजार की चिमनी लाया, अब कचरे में है डाली।

(सुरेश कुमार, योल ) हिमाचल में चुनावी वेला पर लोकतंत्र का मेला लगा है। यह लोकतंत्र कुछ नया है। इसमें नेता आचार संहिता से पहले सब कुछ लुटा देना चाहते हैं, क्योंकि फिर आने वाले पांच साल खुद प्रदेश को लूटना है। राजनीति का आजकल यही गुरुमंत्र है कि पहले पैसा लगाओ और फिर कई

(राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा ) देश की सबसे बड़ी अदालत ने पटाखों से वायु प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली और एनसीआर में 31 अक्तूबर तक बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि न्यायालय के इस फैसले से कुछ व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन वायु प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियों

शुद्ध दीपावली (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) शुद्ध दिवाली हो चली, दिल्ली की इस साल, न्यायालय सर्वोच्च ने, अद्भुत किया कमाल। अद्भुत किया कमाल, चैन की सांसें लेंगे, बिना दम घुटे, खील, मिठाई सब बांटेंगे। आतिश आग लगाएगी, क्यों बिठाया गोद? पंगे लेना छोड़ दो, कब्र रहे क्यों खोद? कब्र रहे क्यों खोद, भुनोगे