विचार

यादविंदर एस राणा  लेखक, चंडीगढ़ से हैं हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के अनुसार ‘खेल महाकुंभ’ को आरंभ करने के पीछे राज्य में बढ़ने वाले ड्रगअब्यूज को कम करना है। न केवल सरकार, बल्कि सारा समाज इस कुरीति को जड़ से मिटाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। खेल युवाओं को नशे से दूर

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं अगर कांग्रेस यह जानना चाहती थी कि उसके भावी सहयोगी कौन-कौन हो सकते हैं तथा 2019 में उसकी कितनी संभावनाएं हैं, तो वह इसके लिए बेहतर नियोजन व समन्वय कर सकती थी। सदन में पूरी की पूरी चर्चा सीधे राहुल गांधी व नरेंद्र मोदी

अमूमन व्यापारी वर्ग अपने गिले शिकवों को पी जाता है या संयम के साथ अपने ही आक्रोश से किनारा कर लेता है, लेकिन हिमाचल की कुछ घटनाओं ने इस वर्ग को भी मोर्चे पर लाकर खड़ा कर दिया है। बद्दी और कुल्लू के व्यापार मंडल अगर बुधवार के दिन सड़कों पर रहे, तो आहत वर्ग

राजेश कुमार चौहान पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीटर पर गोरक्षा और बीफ के नाम पर हिंसा फैलाने की कोशिशों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकारों को भी विशेष हिदायतें दी थीं। भीड़ की हिंसा

भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल के राज्यसभा में भी पारित होने के बाद अब यह कानून का रूप धारण कर लेगा। लोकसभा पहले ही इसे पारित कर चुकी है। संसद ने पहली बार ऐसा बिल पारित किया है। आर्थिक अपराध होते रहे हैं और ऐसे अपराधी करोड़ों-अरबों रुपए लेकर विदेशों में ‘भगोड़े’ बनकर बसते रहे हैं।

डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने अपनी गैस सबसिडी छोड़ने का निर्णय लिया है, जो स्वागत योग्य है। अब सवाल यह उठता है कि चार साल बाद ही क्यों? आज भाजपा को केंद्र में आए चार साल हो गए हैं, परंतु विधायक ने चार साल बाद अपनी सबसिडी छोड़ने का निर्णय

केवल राम कांटा लेखक, शिमला से हैं यह तो सर्वविदित ही है कि सह संबंधित रूप से अर्जित किया गया ज्ञान विभिन्न विषयों के माध्यम से अर्जित किए गए ज्ञान की अपेक्षा कहीं अधिक सरलता व शीघ्रता से ग्रहण किया जा सकता है। कला तो स्वयं एक मनोरंजक एवं रोचक विषय है। जब कला को

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं अब भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने खेलो इंडिया नामक योजना के अंतर्गत प्रतिभा खोज से चयनित लगभग एक हजार किशोर खिलाडि़यों को विभिन्न खेलों के लिए हर वर्ष चिन्हित कर, उन्हें अगले आठ वर्षों तक पांच लाख रुपए सालाना वजीफा देकर उनके खेल को उच्चतम स्तर तक

गुलशन ठाकुर, नेरचौक पिछले कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों के दाखिले की संख्या में काफी गिरावट आई है। सरकार अधिक से अधिक उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रयत्नशील है, लेकिन इसके बावजूद परिणाम विषम मिल रहे हैं। इसका कारण विद्यालय की खराब आधारभूत संरचना और शिक्षकों के खाली