विचार

डा. विनोद गुलियानी, बैजनाथ विचारक एवं लेखक पीके खुराना द्वारा अपनी लेखनी द्वारा सरकार की भ्रष्टाचार मुक्ति हेतु समय-समय पर आवाज बुलंद करना एक साहसिक व सराहनीय कदम है। एक ओर मात्र एक वोट से जीतने वाला सभी शक्तियों का स्वामी बन जाता है और दूसरी ओर हारने वाले का अप्रासंगिक हो जाना वास्तव में

डा. चिरंजीत परमार लेखक, मंडी के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक हैं आए दिन हम अखबारों में विभिन्न सरकारी विभाग, जैसे-वन विभाग, आयुष विभाग और बहुत सी कतिपय समाजसेवी संस्थाओं द्वारा आयोजित किए गए पौधारोपण समारोहों के बारे में भी पढ़ते रहते हैं। इनके हिसाब से तो आज पूरे देश में पेड़ ही पेड़ होने चाहिए थे,

राजेश कुमार चौहान दिल्ली के बुराड़ी में हुई 11 लोगों की मौत के मामले में एक रिपोर्ट के अनुसार मृतक परिवार तंत्र-मंत्र में शामिल था और इसी वजह से उनकी मृत्यु हुई है, परंतु यह कितना सच है, यह तो उचित जांच से ही पता चल सकता है। लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि

प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार के जरिए कांग्रेस, राहुल गांधी, विपक्षी एकता और उनके सिर्फ ‘मोदी हटाओ’ एजेंडे पर पहली बार आक्रामक वार किया है। अभी तक यह काम आलोचक और विश्लेषक कर रहे थे कि कथित महागठबंधन का स्वरूप और मकसद क्या है, लेकिन अब प्रधानमंत्री ने देश के सामने एक हकीकत पेश करने

हमारे विकल्प ये हैंः वर्तमान धर्मनिरपेक्षता जारी रखें, अमरीका जैसी धर्मनिरपेक्षता अपनाएं, धर्म राज्य की स्थापना करें, या कुछ नया तैयार करें। भारत की मौजूदा स्थिति, जहां सरकार खुलकर धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकती है, स्पष्टतया कामयाब नहीं है। इससे हर तरफ तुष्टिकरण, वोट-बैंक की राजनीति और आक्रोश पैदा हुआ है। परंतु धर्म राज्य

सोशल मीडिया हमारे संस्कारों के मुताबिक नहीं है। यह हमारी सभ्यता और मानसिकता के मुताबिक भी नहीं है। सोशल मीडिया की संप्रेषणीयता ‘असामाजिक’ और ‘अश्लील’ है। यह ‘मानसिक आतंकवाद’ है, ‘ऑनलाइन गुंडों, बदमाशों’ का एक प्लेटफार्म भी है। इसे मीडिया की संज्ञा देना भी सरासर गलत है। मीडिया खबरों का खुलासा करता है, विचारों की

संजीव कुमार, बाड़ी, देहरा पानी की समस्या देश में कई राज्यों में देखी गई है। पृथ्वी पर पीने योग्य पानी 2.5 प्रतिशत है। गांव के प्राकृतिक स्रोत सूख जाने के कारण लोगों को ही नहीं, पशुओं को भी पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है। मजबूरी में ग्रामीण लोग करीब दो से तीन किलोमीटर

क्या वाकई हिमाचल को किसी ब्रांड की जरूरत है या यह पड़ताल जरूरी है कि इसके अपने ब्रांड हैं क्या। कांगे्रस सरकार के पर्यटन में अपना सियासी करियर खोजते विजय सिंह मनकोटिया के कार्यकाल में कंगना रणौत को ब्रांड एंबेसेडर बनाने की परिक्रमा हुई, तो वर्तमान सरकार के दौर में अपने दिलीप राणा उर्फ खली

रविंद्र सिंह भड़वाल लेखक, नूरपुर से हैं हर पुस्तकालय के प्रशासन को गंभीरता से न केवल विचार करना होगा, बल्कि जो सही लगे, उसे व्यवहार में भी लाना होगा… करियर की मंजिलों तक पहुंचाने से कहीं बढ़कर, पुस्तकालय समाज निर्माण की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। यही पुस्कालय पाठकों की बौद्धिक भूख को शांत करने