विचार

भगवान श्रीराम के नाम पर और उनके ही देश के कुछ महत्त्वपूर्ण हिस्सों में सांप्रदायिक नफरत, तनाव और हिंसा फैलाई जाए, यह हैरान भी करता है और क्षुब्ध भी करता है। रामनवमी के मौके पर देश भर में शोभा-यात्राएं निकाली जाती रही हैं। बंगाल के कुछ हिस्सों में पलट-हिंसा देखने को मिली थी, लेकिन वह

दलीप वर्मा लेखक, सोलन से हैं हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है, इसकी संस्कृति ही इसकी पहचान है। प्रदेश की प्राचीन संस्कृति को संजोए रखना है। यहां की भाषा, रीति-रिवाज, उत्सव खान-पान, पहनावा प्रदेश की विशिष्ट पहचान है, जिसे हमें बच्चों में स्थानांतरित करना है। साथ ही हमें यह कदाचित नहीं भूलना है कि प्रदेश की

(-राजेश कुमार चौहान, जालंधर) सुप्रीम कोर्ट ने खाप पंचायतों, अन्य समूहों या फिर उन लोगों को जो अलग-अलग धर्म और जाति में आपसी मर्जी की शादी के बंधन में बंधने वालों की राह में रोड़ा बनते थे, उनकी इस रोड़ाबाजी को गैर कानूनी तब तक घोषित कर दिया, जब तक इसके लिए संसद में कोई

-काजल शर्मा, धर्मशाला समय है सोच में परिवर्तन लाने का, महिला को सशक्त बनाने का। आज देशभर में महिलाओं को जागरूक करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। एक बड़ा कदम महिलाओं को आत्मरक्षा के प्रति जागरूक करना है। यह सेल्फ डिफेंस तकनीक आज के समय में हर लड़की को सीखनी चाहिए। देशभर

(-विक्की, कैहरियां) जवाली में गुगलाड़ा की तरफ जाने वाले रोड की हालत इतनी खराब है कि इस टूटे हुए रास्ते ने लोगों का गाडि़यां ले जाना दूभर कर दिया है। यह सड़क इतनी टूट चुकी है कि कंकरीट से ज्यादा तो मिट्टी नजर आती है। वैसे ही आजकल सड़क पर दुर्घटनाओं का दौर भी कितना

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं मोदी ने बहुत से नारे दिए, लेकिन उन्हें जल्दी ही समझ आ गया कि नौकरशाही से लड़ना और घाटे के सरकारी उपक्रमों को बंद करना जनहित का कार्य तो हो सकता है, पर फिर अगला चुनाव जीतना तो दूर, राज्यों के विधानसभा चुनाव भी नहीं जीत

हिमाचली फांस हटाने की पहल में जयराम ठाकुर सरकार ने कुछ बुनियादी फैसले लेकर जो सांसें पैदा की हैं, उनका आर्थिकी की आक्सीजन से गहरा रिश्ता है। बजट सत्र के दौरान मंत्रिमंडलीय निर्णयों की जमात में प्रदेश का प्रतिबिंबित होना, चिंताओं को परिभाषित करता है। होटल व्यवसाय की फांस में पर्यटन की तासीर जिस तरह

पूजा, जवाली वैसे तो हिमाचल में शराबबंदी जैसा कोई कानून नहीं है परंतु कहीं भी अगर दिन में लोग शराब पी कर चाहे घर में हुड़दंग मचाते हैं या बाजार में, तो उन पर कार्रवाई करना पुलिस प्रशासन का कर्त्तव्य है। जवाली के गांव लब और हरसर में प्रायः कुछ असामाजिक तत्त्व दिन में ही

लता, कांगड़ा पर्यटक नगरी मकलोडगंज में न्यायालय के आदेशों के बाद बंद पड़े होटलों के कर्मचारियों ने सरकार से रोजगार की व्यवस्था करने की मांग उठाई है। ऐसे में उनका यह नारा सरकार हमें बचाओ, रोजी-रोटी दिलाओ, बिलकुल सटीक बैठता है। अब इस तरह के हालात के दौरान उनकी सहायता कौन करेगा? कैसे वह अपने