विचार

सूबेदार मेजर (से.नि.) केसी शर्मा, गगल सीमा पर यदा कदा पाकिस्तान और चीन की हरकतों को देखकर लगता है कि ये दोनों पड़ोसी कभी भी हमारे समक्ष बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में और चीन डोकलाम और अरुणाचल में अपने एजेंडे के तहत अशांति और अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें करते रहे

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं सन् 2008 में मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो राज्य में अवैध मंदिरों को गिराया गया था, जिससे नाराज होकर तोगडि़या ने मोदी के विरुद्ध बोलना शुरू किया। वह दरार समय के साथ-साथ बढ़ती चली गई और आज स्थिति यह है कि दोनों आमने-सामने हैं।

नीरज मानिकटाहला, यमुनानगर, हरियाणा समाज में नैतिक मूल्यों का अनवरत अवमूल्यन चिंताजनक है। छेड़छाड़, मानमर्दन व हत्या सरीखे संगीन कृत्य और एकल परिवारों का चलन नैतिक शिक्षा को तिलांजलि का ही नतीजा है। शैशवावस्था में बालमन शून्य होता है। चूंकि परिवार प्रथम पाठशाला है, लिहाजा अभिभावक व अन्य पारिवारिक सदस्यों का आचरण आदर्श उदात्त भावना

राकेश शर्मा लेखक, जसवां, कांगड़ा से हैं आर्थिक हालात को ठीक करने के लिए केवल बातों की नहीं, बल्कि मजबूती के साथ धरातल पर काम करने की जरूरत है। एक समृद्ध प्रदेश के निर्माण के लिए आज से ही सरकार को कुछ ठोस निर्णय लेने की जरूरत है, ताकि आने वाले कल की बेहतरी की

अभिषेक कुमार, केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला समाज में आज भी कई महिलाएं तथा बच्चे घरेलू हिंसा के शिकार हैं। महिला के साथ पति या ससुराल पक्ष के अन्य लोगों द्वारा अमूमन हिंसक व्यवहार किया जाता है। इससे उसके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है तथा कई मामलों में तो उसकी मृत्यु तक हो जाती है। अकसर

अमन शर्मा, चिंतपूर्णी दो-तीन वर्ष पहले तक जब हम अपने दोपहिया वाहन से कांगड़ा जाया करते थे, तो कभी रास्ते में कोई नाका नहीं देखा। जब संजीव गांधी ने कांगड़ा के एसपी के तौर पर कार्यभार संभाला, तो हर रोज देहरा से कांगड़ा की सड़कों पर पुलिस कर्मी नजर आने लगे, जो वाहन चालकों को

अभिव्यक्ति न तो आरोहण की लत में जिंदा है और न ही लाड़लेपन की फितरत में मजबूत है, फिर भी हिमाचल में राजसत्ता में अभिव्यक्ति किसी रासलीला की तरह अपने वजूद का हिसाब बनकर दिखाई देने लगी है। अभिव्यक्ति के दम पर समाज और देश की भाषा, सभ्यता व सरोकार मुखर होते हैं और इसीलिए

प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद हज सबसिडी खत्म करने का जो सिलसिला शुरू किया था, अब उस पर पूरी तरह ढक्कन लगा दिया गया है। मोदी सरकार ने हज के लिए प्रस्तावित सबसिडी बिलकुल ही खत्म करने का फैसला लिया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का स्पष्टीकरण है कि

राजेश कुमार चौहान, जालंधर सरकार ने हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सबसिडी बंद करने और पैसे को मुस्लिम वर्ग के कल्याण के लिए लगाने का फैसला लिया है। सरकार ने हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सबसिडी में गड़बड़ी का अंदाजा लगाया होगा, तभी सरकार ने सबसिडी बंद करने का मन बनाया