विचार

विदेशों में प्रवास के दौरान बेशक प्रधानमंत्री मोदी हों या कांगे्रस अध्यक्ष राहुल गांधी, किसी को भी देश को बदनाम या लांछित करने अथवा संकटग्रस्त करार देने का लाइसेंस नहीं मिला है। देश सर्वोपरि और संप्रभु है। किसी भी देश में समस्याएं हो सकती हैं, राजनीति में आपसी टकराव होते ही हैं, आकलन अलग-अलग हो

पैमाने और दस्ताने बदलती जयराम सरकार, अपने फलक पर नैतिकता के हस्ताक्षर करना चाहती है। मंत्रिमंडल की पगार से मुख्यमंत्री राहत कोष को भरने की पहल या उपहारों की महक से दूर रहने की मर्यादा का सबब, किसी भी सरकार के प्रयासों के मानक बढ़ा देता है। यह जन समुद्र में तैरती आशाओं तक पहुंचने

बातें तो अच्छी हो रही हैं और आशा का माहौल भी वर्तमान सरकार की परिकल्पना को अंगीकार कर रहा है। सुखद पहलू यह कि अभी सत्ता का वर्चस्व दिखाई नहीं दे रहा और विपक्ष भी सकारात्मक होने की मुद्रा में विधानसभा सत्र की खुश मिजाजी में अपनी शुमारी कर रहा है। बुजुर्ग नेता शांता कुमार

उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ परंपरा में योगी आदित्यनाथ के गुरु थे-अवैद्यनाथ। उनके गुरु महंत दिग्विजयनाथ थे। गोरखपुर में गोरक्षनाथ मठ के सामने एक मस्जिद थी। हर रोज सुबह और शाम  लाउडस्पीकर के जरिए अजान होती थी, जिससे दिग्विजयनाथ परेशान थे। उन्होंने मुल्ला-मौलवियों को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन सब कुछ फिजूल साबित होता रहा।

वीरेंद्र पैन्यूली लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं अब अधिकांश प्रथम स्तर के इंजीनियरिंग पासआउट छात्र-छात्राएं उच्च कोटी के प्रबंधन संस्थानों में स्पर्धा करके प्रबंधकीय सेवाओं में लगे होते हैं। तकनीकी छात्र ही सिविल सेवाओं में स्पर्धा करने में आगे आ रहे हैं। ये अव्वल छात्र शिक्षक भी कम ही बनना चाहते हैं। अतः उच्च गुणवत्ता वाले

सुरेश कुमार लेखक, योल, कांगड़ा से हैं बड़े अधिकारी प्रदेश में शिक्षा की बेहतरी के लिए विदेशों का भ्रमण करके जानते हैं कि कौन सा मॉडल अपनाएं जिससे शिक्षा में गुणवत्ता आए। विदेश में घूमने से शिक्षा में गुणवत्ता नहीं आएगी। इन शिक्षा अधिकारियों को हिमाचल के स्कूलों में जाकर देखना चाहिए, जहां एक कमरे

होशियार सिंह, नूरपुर, कांगड़ा पूर्व सरकार की कुछ नाकामियों के बीच दो तिहाई सीटों के साथ जनता ने भाजपा सरकार को चुना है, तो ये उम्मीदें-आशाएं निराधार नहीं हैं। हालांकि अब यहां से प्रदेश की जनता को भी प्रदेश के प्रति स्पष्ट रूप से कुछ दायित्व तय करने होंगे, जो सरकारी कार्य पद्धति के सहयोगी

मनीषा चंदराणा (ई-मेल के मार्फत) राजस्व खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने दिल्ली से हांगकांग जाने वाले विमान में सवार जेट एयरवेज की एयर होस्टेस को 3.2 करोड़ की मुद्रा  संग धरा है। यह कालेधन के बदले सोना लाने की साजिश का ही हिस्सा था। संदिग्ध वस्तुओं की तस्करी करने वाले यात्रियों को इस तरह से

शिवेन पंडित, चौड़ा मैदान, शिमला झूठी तारीफों पर दुनिया की, न तुम फूल जाना, लिपटकर आई लाश तिरंगे में, भूल न जाना। चंद गद्दार मेरे देश पर, गंदी नजर रख बैठे हैं, इतिहास छान लें, उनके आका कब्र में लेटे हैं। बचाई है मां की लाज हमने अपनी जान देकर, कभी न डोला ईमान हमारा,