विचार

(सुरेश कुमार, योल, कांगड़ा ) अभी कोटखाई की खाई पाटने में कानून लगा है, प्रदेश गुस्से में है और चंबा में एक शिक्षक द्वारा छात्रा के साथ दुराचार ने आग को और भड़का दिया है। आखिर हिमाचल को हो क्या गया है? इसे तो देवभूमि कहते हैं। सरकार से तो विश्वास उठा ही है और

(किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) देश के अन्य राज्यों की भांति हिमाचल में भी मनरेगा के अंतर्गत पंचायती स्तर पर जनहित के कई कार्य किए जा रहे हैं। इससे जहां जरूरतमंद लोगों को रोजगार मिल रहा है, वहीं ग्रास रूट स्तर पर विकास कार्य भी हो रहे हैं। आज गांव में कोई मजदूर खाली

जन्नत के गद्दार (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) जन्नत को ही खा गए, जन्नत के गद्दार, ये पड़ोस से कर रहे, मां का ही व्यापार। निद्रा में थी सो रही, मुफ्ती की सरकार, मलिक, गिलानी मीर को, लगा आज अतिसार। सूअर का है खून यह, जल्द मारें गद्दार, मां तक को छोड़ा नहीं, करते

मुंशी प्रेमचंद भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं जिनके युग का विस्तार सन् 1880 से 1936 तक है। यह कालखंड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंजिलों से गुजरा। प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वह एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता,

उर्दू के पत्र-पत्रिकाओं की विडंबना यह है कि स्वयं उर्दू भाषा से जुड़ा मुस्लिम वर्ग उसकी क़द्र नहीं करता। ऐसा देखने में आता है कि बड़े शहरों व छोटे कस्बों में एक उर्दू अख़बार को कम से कम 25-50 लोग पढ़ते हैं। उर्दू का चाहने वाला भी अपनी जेब से पैसे निकाल कर उर्दू की

बादलों का उमड़ना-घुमड़ना तथा उससे उत्पन्न घनघोर गर्जना प्रकृति को चेतन अवस्था में ले आती है। श्रावण मास के आगमन संग दक्षिण-पश्चिम मानसून का पदार्पण संपूर्ण भारत समेत हिमाचली पहाड़ों को हरा-भरा व जलयुक्त कर देता है। हिमाचली सौंदर्य को बरसात की रिमझिम एक विशेष लय और रंग प्रदान कर जाती है। मौसम की यह

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं आज नहीं तो कल हिंदी को आने वाली पीढि़यां सीखेंगी। यहां तक कि दक्षिण के लोग भी महसूस करने लगे हैं कि हिंदी से किनारा करके समस्या का समाधान नहीं होगा, इसलिए उनके बच्चे हिंदी सीख रहे हैं। संभवतः मोदी सरकार भी महसूस करती है कि उसे चुप ही

(स्वास्तिक ठाकुर, पांगी, चंबा ) भारतीय राजनीति बिहार में एक बड़े राजनीतिक बदलाव से रू-ब-रू हुई। नीतीश ने कड़ी कशमकश के बीच अब अंततः अपने सिद्धांतों पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लालू यादव का दामन छोड़कर अब नीतीश ने बिहार में भाजपा के साथ एक नई पारी की

(वर्षा शर्मा, पालमपुर, कांगड़ा ) औद्योगिक कस्बे नालागढ़ के तहत मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। आरोपियों ने पीडि़त से मोबाइल टावर लगाने और उसके बदल में हर महीने  लाखों रुपए देने का वादा करते हुए पांच लाख से भी ज्यादा पैसे ऐंठ लिए। हर