विचार

ललित गर्ग लेखक, स्वतंत्र पत्रकार हैं राखी भाई और बहन के बीच प्यार के बंधन को मजबूत बनाती है तथा इस भावनात्मक बंधन को पुनर्जीवित करती है। राखी के दो धागों से भाई-बहन ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवीय संवेदनाओं का गहरा नाता रहा है। भाई-बहन के रिश्ते को यह फौलाद सी मजबूती देने वाला है।

(स्वास्तिक ठाकुर, पांगी, चंबा ) मानसून देश भर के ज्यादातर हिस्सों में सक्रिय हो चुका है। इससे जहां फसलों को लाभ होगा, वहीं आम जनजीवन की आफत भी बढ़ी है। सावन मास में झमाझम बारिश ने हरीतिमा बिखेर दी है, वहीं खस्ताहाल आपदा प्रबंधन ने इस नियामत को भी आपदा बना डाला। पहाड़ी राज्य हिमाचल

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) हिमाचल प्रदेश ने सदियों से शांतिप्रियता की जो पहचान कमाई थी, धीरे-धीरे उसे ग्रहण लगता जा रहा है। इसके कसूरवार प्रदेश के तामसिक प्रवृत्ति वाले वे लोग हैं, जो महिलाओं के खिलाफ अपराध को अंजाम दे रहे हैं। कोटखाई दुष्कर्म मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि चंबा के

(किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) सुरक्षा बलों को जब से कुछ छूट देकर देशद्रोहियों से निपटने की योजना बनी है, सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। काफी हद तक अब अलगाववादियों पर शिकंजा कसा जा चुका है। अब पत्थरबाजी भी रुकने लगी है। राष्ट्र विरोधी ताकतों को चिन्हित कर सजा दी जा रही है।

(सुरेश कुमार, योल, कांगड़ा ) लखनऊ चिडि़याघर से कुछ दिन पहले ही रेणुका चिडि़याघर में 11 हिरण लाए गए और दो की अब तक मौत भी हो चुकी है। यह कोई नई बात नहीं है। हिमाचल आकर तो शेर तक मर जाते हैं, ये तो बेचारे हिरण ठहरे। और तो और गोपालपुर चिडि़याघर के प्रशासन

देश व प्रदेश में जल-थल व नभ में ब्राह्मणों ने सितारों की तरह अपनी चमक बिखेरी है। शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र होगा, जहां इस वर्ग से बुद्धिजीवी, वैज्ञानिक, डाक्टर, युद्धवीर या फिर अन्य विद्वानों ने अपनी अलग छाप न छोड़ी हो… हिमाचल के लिए यह गौरव की बात है कि भारतीय सेना में सबसे

राजनीति भले ही गुणात्मक नहीं हो सकती, लेकिन मात्रात्मक पंक्तियों के बीच हिमाचल कांग्रेस के मतभेद अगर चौराहे पर खड़े होंगे, तो पार्टी जाएगी कहां? हिमाचल में कमोबेश हर नेता अपनी मंजिल सुनिश्चित करने की होड़ में पार्टी चरित्र में बुलंद नहीं हो पा रहा है। हिमाचल कांग्रेस के नए प्रभारी  सुशील कुमार शिंदे के

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कुछ दिन पहले महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी दी कि यदि संविधान से अनुच्छेद-35ए को हटाने की कोशिश की गई, तो कश्मीर घाटी में तिरंगे को थामने वाला कोई नहीं बचेगा। अरब-ईरान से आने वालों, जिनकी जड़ें अभी तक भी घाटी में नहीं जम सकीं, के बारे में

(स्वास्तिक ठाकुर, पांगी, चंबा ) मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को लेकर दिए गए उस बयान को लेकर देश भर में कड़ा विरोध होने लगा है, जिसमें उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर धारा-370 को मजबूत करने वाले अनुच्छेद-35ए से केंद्र सरकार ने कोई छेड़छाड़ की, तो जम्मू-कश्मीर में तिरंगा