विचार

भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग जिस तेजी से तरक्की कर रहा है वह उल्लेखनीय है। हर साल वह बढ़ोतरी की नई इबारत लिख रहा है। 1982 में भारत में जब मारुति कार अस्तित्व में आई तो जनता ने उसमें बहुत दिलचस्पी दिखाई और वह जन-जन की कार बन गई। नब्बे के दशक में नरसिंह राव के आर्थिक उदारीकरण ने जैसे कि उसमें पंख लगा दिए। उसके बाद कई और विदेशी कंपनियां कार निर्माण के क्षेत्र में आ गईं तो टू व्हीलर के क्षेत्र में भारतीय कंपनी हीरो ने जापानी कंपनी होंडा के साथ मिलकर इस क्षेत्र में भारत को शिखर पर लाकर खड़ा कर दि

बीते बुधवार और गुरुवार की रातों में पाकिस्तान ने भारत के कुल 27 शहरों पर 100 से अधिक हवाई हमले किए। यह दीगर है कि हमारे रक्षा-कवच ‘एस-400 सुदर्शन चक्र’ ने उन्हें नाकाम करते हुए टुकड़े-टुकड़े कर दिया। पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के सीमावर्ती शहरों और गुजरात में कच्छ-भुज को निशाना बनाया गया था। यह टकराव घंटों जारी रहा। पाकिस्तान ने मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट से हमले किए, लेकिन हमारे रक्षा-कवच अभेद्य साबित हुए और दुश्मन के हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों के साथ-साथ रिहायशी इलाकों को भी निशाना बनाया। उसके तमाम हम

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार भारत में महिलाओं का 81.8 प्रतिशत रोजगार अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में केंद्रित है। यह दर्शाता है कि भारत में अधिकांश महिला श्रमिक उच्च वेतन वाली नौकरियों में नहीं आ पाती हैं। भारत के चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 तक राज्य विधानसभाओं में कुल औसत महिला प्रतिनिधित्व सिर्फ 13.9 प्रतिशत है...

‘हमारा धर्म है राष्ट्रधर्म। जब राष्ट्र की सुरक्षा की बात आती है तो हमें किसी भी कीमत पर अपने कत्र्तव्यों से पीछे नहीं हटना चाहिए।’ अटल बिहारी वाजपेयी जी की पंक्तियों के साथ शुरुआत की है। जब देश पर संकट आता है, चाहे वह सीमा पार से हो, आतंकी हमला हो या पूर्ण युद्ध की आशंका, तब किसी भी मजहब, जाति या राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर राष्ट्र के साथ खड़ा होना प्रत्येक नागरिक का सर्वोच्च कत्र्तव्य बन जाता है। ऐसे समय में किसी दल या वर्ग की नहीं, बल्कि राष्ट्र की जीत होनी चाहिए। इतिहास गवाह है कि जब-जब भारत ने आंतरिक एकजुटता का परिचय दिया है, तब-तब वह हर बाहरी ताकत के सा

दोस्तो ! सोच रहा हूं कि बाकी के सारे काम धंधे छोडक़र मुझे सबसे पहले अग्रिम जमानत करवा लेनी चाहिए। धंधे तो बाद में भी चलते रहेंगे। इस मुल्क में धंधों की कोई कमी थोड़ी है। सरकारी रेता, बजरी, सरिया, सीमेंट बेचने से लेकर जाली प्रमाणपत्र बनाकर बेचने जैसे कई चकाचक धंधे यहां मौजूद हैं। जब तक मुल्क में ऐसे वैसे लीडर हैं, तब तक धंधों की कोई कमी थोड़ी है। एक से बढक़र एक धंधे हैं। चलो मान लो बाकी धंधे कभी संकट में पड़ भी गए तो राजनीति का धंधा तो

मां का छोटा-सा शब्द अपने भीतर भावनाओं का महासागर समेटे है। मां केवल जन्मदात्री नहीं होती, वह जीवन की प्रथम शिक्षिका, प्रथम मित्र और प्रथम मार्गदर्शिका भी होती है। जब एक शिशु पहली बार रोता है,

वाह, देश के जांबाज सैनिको! क्या निशाना था, क्या लक्ष्य चिह्नित किए गए और मात्र 25 मिनट के ऑपरेशन में ही उन अड्डों, मुख्यालयों, मस्जिदों और मदरसों को मिट्टी और मलबा कर दिया गया, जहां आतंकी पनाह लेते थे। वे पाप, हिंसा और गुनाह के ‘हरम’ थे। पहलगाम नरसंहार में यहीं के आतंकियों ने हमारी बहू-बेटियों के ‘सिंदूर’ मिटा दिए थे। एक ही प्रतिघात में 35 साल पुराने प्रतिशोध भी ले लिए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया था। उनका यह कथन भी सार्थक साबित हुआ कि आतंकियों की बची-खुची जमीन को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। हमारी सेनाओं ने 6-7 मई की दरमियानी रात में 1.05 बजे से 1.30 बजे के मात्र 25 मिनट के समय में आतंकियों के 9 अड्डे मिट्टी में मिला दिए और 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्म

पहलगाम में आतंकी हमले के उपरांत पाकिस्तान को भारत ने कड़ा सबक सिखा दिया है। ऐसे समय में सभी राजनीतिक दलों को एकजुटता दिखानी होगी ताकि हर रोज मौत के तांडव से बचा जा सके। क्या सुकून था, क्या हरियाली थी, लेकिन दरिंदगी करने वाले आतंकवादियों को तनिक दर्द नहीं आया कि नई नवेली दुल्हन के सामने उसके पति को मौत के घाट उतार दिया, बच्चों के सामने बाप को मारना, इससे बड़ा काफिर कौन हो सकता है? पत्नियों के विवाह की मेहंदी नहीं गई थी अभी, उनको पति के खून से रंग

मैं अपनी बात अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की उस टिप्पणी से करूंगा जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में यह लड़ाई एक हजार से भी ज्यादा समय से चल रही है। अब अगली बात। इस बार पाकिस्तानी सेना पहलगाम पर अपने जिहादियों से हमला करवा कर सचमुच धोखा खा गई। वैसे तो नियम है कि जब कोई सेना दूसरे देश पर हमला करती है तो वह उस देश की क्षमता, इतिहास और स्वभाव का पहले आकलन कर लेती है। पाक सेना स्वयं या अपने प्रशिक्षित जिहादियों द्वारा भारत में कहीं न कहीं