वैचारिक लेख

निश्चित समयावधि के बाद ग्रामीण डाक सेवकों की नौकरी को स्थायी करने की व्यवस्था होनी चाहिए। आशा है केंद्र सरकार शीघ्र ही ग्रामीण डाक सेवकों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करेगी...

आत्मविश्वास की कमी और असुरक्षा की भावना भी ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर की बड़ी वजहें हैं। ऐसा भी देखने में आया है कि जिन लोगों को बचपन और किशोरावस्था में परिवार या करीबियों का प्यार नहीं मिलता, बाद में वो कभी न कभी ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर से गुजरते हैं। हमारा सामाजिक ढांचा ऐसा है कि यहां पुरुष अपनी भावनाएं ज्यादा आसानी से जाहिर कर लेते हैं, जबकि महिलाओं के लिए ये आसान नहीं होता। शायद यही वजह है कि पुरुषों का ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर अक्सर गंभीर स्तर पर पहुंच जाता है। वो लड़कियों का पीछा करने, उन्हें नुकसान पहुंचाने

हे मेरे फेसबुकिया बांधवो! आपको यह सूचित करते हुए मुझे दु:ख और प्रसन्नता की मिक्स फीलिंग हो रही है। क्योंकि मैं अपने बेहोशोहवास में अनौपचारिक घोषणा करता हूं कि मैं आज रात बारह बजे से फेसबुक आश्रम से क्विट कर रहा हूं। हे मेरे जिगरिओ! भले ही मैंने अपने जीवन के ब्रह्चर्य आश्रम में रहते हुए ब्रह्चर्य का पालन न किया हो, यह सांस्कृतिक नहीं, मेरा व्यक्तिगत मामला है। मित्रो! भले ही मैंने गृहस्थ आश्रम में रहते हुए गृहस्थ आश्रम का पालन न किया हो। यह भी मेरा सांस्कृतिक नहीं, व्यक्तिगत मामला है। भले ही मैं गृहस्थ आश्रम में रहते हुए बीवी-बच्चों के होते हुए भी मैं इधर उधर मुंह मारता रहा होऊं, यह मेरा संस्कारिक मामला नहीं, व्यक्गित मामला है। वैसे भी बहुधा घोर से घोर गृहस्थ

विकसित भारत/2047 का उद्देश्य आजादी के 100वें वर्ष यानी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। यह भारत के इतिहास का वह दौर है जब देश लंबी छलांग लगाने जा रहा है। भारत के लिए यही समय है, सही समय है, युवा शक्ति परिवर्तन की वाहक भी है और परिवर्तन की लाभार्थी भी है। देश की राष्ट्रीय योजनाओं, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के निर्माण में देश के युवाओं को सक्रिय रूप से सम्मिलित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘विकसित भारत /2047’ देश के युवाओं को एक मंच प्रदान करेगी। यह दृष्टिकोण आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं को सम्मिलित करता है। इस कार्यक्रम के शुभारंभ ने एक नई दृष्टि और दिशा दी है।

2012 में, तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने केंद्रीय मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि सांसदों की बढ़ती संख्या के दृष्टिगत नई इमारत का निर्माण किया जाए...

हमारी अगली विद्वान पीढ़ी को शहरों में अच्छी-अच्छी नौकरियां मिल रही हैं, लेकिन जहरीली हवा में सांस लेने से अच्छा है गांव से जुड़े रहें...

खडख़ड़ जी को आजकल न जाने क्या हो गया है? जब से उनके पोते ने उनकी मिमिक्री की है, उन्हें लगता है कि हर कोई उन्हें चिढ़ाते हुए उनका उत्पीडऩ कर रहा है। उनके दादा होने का बोध ख़तरे में है। उनकी गरिमा तार-तार हो रही है। कोई हँसता भी तो है उन्हें लगता है कि वह खी-खी की आवाज़ केवल उन्हें चिढ़ाने के लिए ही निकाल रहा है। इसलिए उन्होंने आजकल बाज़ार निकलना भी छोड़ दिया है। घर में अगर कोई खाँसता भी है तो उन्हें लगता है

विकसित देश बनने के लिए 2047 तक लगातार करीब 7 से 8 फीसदी की दर से बढऩा होगा। हम उम्मीद करें कि जिस तरह 11 और 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अमृतकाल में नई पीढ़ी को विकास के लिए लंबी छलांग लगाने के जो मंत्र सौंपे हैं, उनके मद्देनजर देश के युवा और शासन-प्रशासन समन्वित रूप से दुनिया में सामथ्र्यवान भारत की तस्वीर बनाते हुए आगे बढेंग़े और वर्ष 2047 तक देश विकसित देश के रूप में रेखांकित होता हुआ दिखाई देगा...

विरोधियों को साथ लेकर चलने की कला ने उनको सबसे अलग बना दिया। अटल बिहारी वाजपेयी को एक ऐसे नेता के तौर पर याद किया जाएगा जिन्होंने विपरीत विचारधारा के लोगों को भी साथ लिया और गठबंधन सरकार बनाई। वह विपक्ष की आलोचना के साथ अपनी आलोचना सुनते थे...