वैचारिक लेख

देवेंद्र शर्मा एमएस, नेरचौक अस्पताल यदि कोरोना संक्रमण से किसी व्यक्ति की उपचार के दौरान मृत्यु हो जाती है तो स्वास्थ्य कर्मी आइसोलेशन वार्ड से मृतक की बॉडी को पीपीई किट, मास्क, ग्लब्ज, गम बूट, फेस कवर शिल्ड, गाग्लस का इस्तेमाल करते हुए सर्वप्रथम पार्थिव शरीर को डिसइनफेक्ट करने का कार्य करते हैं। पश्चात उसके

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार एकल परिवार में कामकाजी दंपत्ति के बच्चे अकेलापन महसूस करने पर टीवी और प्ले स्टेशन में व्यस्त होने की कोशिश करते हैं। भावनात्मक परेशानियों से जूझ रहा बच्चा एक बार इनका आदी हो जाए तो वह कई स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाता है। किशोर अथवा युवा होते बच्चे भी व्यायाम

सुरेश सेठ sethsuresh25U@gmail.com नई सदी आई, लोगों की समझ बदल गई। बात का लहज़ा बदल गया। जीने का तौर-तरीका बदल गया। आज वही कामयाब है जो मौका देख कर केंचुल बदल जाए। अभी कुछ चुनाव संपन्न हुए। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है अपना देश। मतदान की बड़ी शक्ति बताई जाती है। कहते हैं, यहां

डा. वरिंदर भाटिया पूर्व कालेज प्रिंसीपल उदाहरण के तौर पर हमारे देश में होली के दौरान प्रतिवर्ष लगभग 50 करोड़ पिचकारियों की बिक्री होती है, जो अधिकतर चीन से आयात की जाती हैं। यदि देश के एक जिले में सिर्फ पिचकारियों के निर्माण से संबंधित लघु उद्योग स्थापित किए जाएं तो उसकी खपत हमारे देश

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान स्वचालित तकनीकों को उन्हीं क्षेत्रों तक सीमित कर देना होगा जहां और कोई विकल्प संभव न हो या खतरे वाला काम हो। सूक्ष्म और कुटीर उद्योगों को गांव-गांव में स्थापित करना होगा ताकि गांवों से शहरों को रोजी की तलाश में पलायन न हो और शहर में झुग्गी बस्तियों

अशोक गौतम ashokgautam001@Ugmail.com वे जो मेरे दोस्त हैं, ईजादिया किस्म के प्राणी हैं। ऑफिस के वक्त भी ऑफिस के अपने हिस्से के जरूरी से जरूरी काम इधर-उधर सरका, सरकवा कुछ न कुछ ईजाद करते ही रहते हैं। कल फिर इन्हीं ईजादिए साहब का फोन आया। सुना तो पहले ही बोल में इतने खुश लगे कि

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अतः प्रश्न यह है कि आर्थिक पैकेज का बोझ उन विशेष वर्ग पर डाला जाना चाहिए जो ऊर्जा सघन माल का उपयोग करते हैं अथवा सामान्य नागरिक पर? मेरा मानना है कि इसकी वसूली ऊर्जा सघन माल का उपयोग करने वाले से ही की जानी चाहिए। ऐसा करने का दूसरा लाभ

सतपाल सिंह सत्ती पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सरकार ने जो प्रावधान किए हैं, उनके मुताबिक किसानों की निश्चित आय, जोखिम रहित खेती और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाएगा। इससे किसानों का उत्पीड़न रोका जाएगा और किसानों के जीवन में सुधार आएगा। अब किसान बिचौलियों के चक्कर में न पड़कर निर्यातकों और

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं सुबह की सैर के दौरान रामदीन बड़े ़खुश नज़र आ रहे थे। उन्हें नई-नई थानेदारी जो मिली थी। उन्हें लग रहा था कि अब वह जिसे चाहे हड़का सकते हैं। कुछ विरोधी तो पड़ोस में ही हैं। लगे हाथ उन रिश्तेदारों को भी, जिनसे वह बरसों से ़खार खाए