वैचारिक लेख

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार विद्वान व्यक्ति गेंद की तरह होता है और मूर्ख मिट्टी के ढेले की तरह। नीचे गिरने पर गेंद तो फिर ऊपर आ जाएगा, पर मिट्टी का ढेला नीचे ही रह जाएगा। यानी कठिन समय आने पर या सब कुछ छिन जाने पर भी विद्वान व्यक्ति उन्नति के रास्ते दोबारा निकाल लेगा,

अजय श्रीवास्तव लेखक, शिमला से हैं परिवार से बिछुड़ कर बेसहारा हो चुके मनोरोगियों को न तो संवैधानिक प्रावधानों का पता होता है और न ही आम जनता इस बारे में जागरूक होती है। कानून ने आंख बंद करके बेसहारा मनोरोगियों को रेस्क्यू कराने से लेकर अस्पताल में भर्ती कराने और उनकी तीमारदारी तक की

सुरेश सेठ sethsuresh25U@gmail.com आप यहां क्या बेचने आए हैं, साहब। कंजी आंखों वाले चालाक आदमी ने हमें पूछा। बहुत दिन पहले वह हमारे साथ इस फुटपाथ पर सोने की जगह पाने के लिए झगड़ा किया करता था। आज वे फुटपाथ नहीं रहे। उसके साथ एक घासीला मैदान हुआ करता था, वहां अब उसका आलीशान प्रासाद

विकेश कुमार बडोला लेखक, उत्तराखंड से हैं हमारी पहले की सरकारों ने अमरीका के साथ विभिन्न क्षेत्रों में जो भी समझौते किए, क्या हमारी ओर से उनका शत-प्रतिशत अनुपालन किया गया? यदि अमरीका पर भारत का अहित करने का दोषारोपण होता रहा है तो यह समझ लिया जाना चाहिए कि इसके लिए अमरीका ही नहीं

अशोक गौतम ashokgautam001@Ugmail.com बंदा था कि सीना ताने, मेरे बाप के दफतर को अपने बाप का दफ्तर समझ दफ्तर में बेलगाम सा घुसा आ रहा था। उसे यों सीना तानकर अपने बाप के दफ्तर में घुसे आते देखा तो बहुत गुस्सा आया। जब गौर से देखा तो बंदा नया-नया लगा, सो सोचा, शायद बंदे को

सुखदेव सिंह लेखक, नूरपुर से हैं जयराम सरकार की नई आबकारी नीति के अनुसार अब दोपहर बारह बजे से लेकर देर रात दो बजे तक देवभूमि के रेस्टोरेंट, होटलों, बीयर बार, ढाबों, और दुकानों पर शराब उपलब्ध रहेगी। कहने का मतलब साफ  है कि अब गांवों के गली-मोहल्ले में सिर्फ  सोमरस की दुकानें हमेशा सजी

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अमरीका में चीन की तुलना में श्रमिक के वेतन अधिक हैं और पर्यावरण की हानि करने की भी छूट कम है। चीन की फैक्टरियों द्वारा भारी मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन किया जाता है जिससे लोगों का स्वास्थ बिगड़ रहा है। बीते वर्ष जब राष्ट्रपति ट्रंप चीन की यात्रा पर गए

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं मुंह में बनारसी पान दबा, पंडित जॉन अली अकेले ही मंद-मंद मुस्कराते हुए मस्ती में अपने घर की तरफ बढ़े जा रहे थे। आज उनके चेहरे पर ऑफिस की दिन भर की थकान भी नजर नहीं आ रही थी। मैंने अपने चौबारे से झांकते हुए उन्हें आवाज दी, तो

प्रत्यूष शर्मा लेखक, हमीरपुर से हैं हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड राज्य के गरीब बुनकरों और कारीगरों के हितों की सहायता और प्रचार के उद्देश्य से वर्ष 1947 में अस्तित्व में आया। कहा जाता है कि कुरुक्षेत्र की लड़ाई को दर्शाने वाला चंबा रूमाल जिसे चंबा के राजा गोपाल सिंह ने एक