वैचारिक लेख

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं मुंह में बनारसी पान दबा, पंडित जॉन अली अकेले ही मंद-मंद मुस्कराते हुए मस्ती में अपने घर की तरफ बढ़े जा रहे थे। आज उनके चेहरे पर ऑफिस की दिन भर की थकान भी नजर नहीं आ रही थी। मैंने अपने चौबारे से झांकते हुए उन्हें आवाज दी, तो

प्रत्यूष शर्मा लेखक, हमीरपुर से हैं हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड राज्य के गरीब बुनकरों और कारीगरों के हितों की सहायता और प्रचार के उद्देश्य से वर्ष 1947 में अस्तित्व में आया। कहा जाता है कि कुरुक्षेत्र की लड़ाई को दर्शाने वाला चंबा रूमाल जिसे चंबा के राजा गोपाल सिंह ने एक

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे अनेक आंदोलनकारी गांधी से प्रेरित होते रहते हैं। असल में समस्या की जड़ में गांधी का नैतिक- आध्यात्मिक मूल्यों को व्यक्तिगत जीवन से उठा कर सामाजिक और राजनीतिक धरातल पर स्थापित करने

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री भारतीय दवा उद्योग, वाहन उद्योग, केमिकल उद्योग, खिलौना कारोबार तथा इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स कारोबार प्रमुख रूप से चीन से आयातित कच्चे माल एवं वस्तुओं पर आधारित है और अब इनकी आपूर्ति रुक गई है, ऐसे में ये उद्योग-कारोबार मुश्किलों का सामना करते हुए दिखाई दे रहे हैं और इन क्षेत्रों

हरि मित्र भागी धर्मशाला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर उनकी विचारधारा को लेकर कुछ व्यक्तियों द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही हैं व सोशल मीडिया पर भी विष फैलाया जा रहा है। ऐसे लोग अपनी सस्ती प्रसिद्धि पाने के लिए अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं, वे भूल जाते हैं कि राष्ट्रपति ने देश को कैसे स्वतंत्र

निर्मल असो स्वतंत्र लेखक वे मुस्कराए और कहने लगे कि अगर जिंदगी खपा कर देशभक्त नहीं बन सके,तो एक बार गद्दार बन कर खुद को समझ लो। सो मुझे गद्दार मान लिया गया, हालांकि मैंने देश के संविधान को उनसे चुराके जेब मैं रख लिया था। पता नहीं कब किस गली में कोई देशभक्त मुझे

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने आम आदमी पार्टी को जीत की बधाई दी और इस बात पर खुशी जाहिर की कि केजरीवाल ने भाजपा को हराकर एक बहुत बड़ा राष्ट्रीय कार्य किया है। चिदंबरम की यह प्रतिक्रिया क्या कांग्रेस की आधिकारिक प्रतिक्रिया थी? यह भ्रम जल्दी ही टूट

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं आजादी के बाद हुई लड़ाइयों और आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के 25,942 जवानों के साथ अर्द्धसैनिक बलों के भी लगभग 31,895 जवान शहीद हुए हैं। कर्त्तव्य निष्ठा, ड्यूटी और संख्या बल के मामले में अर्द्धसैनिक बलों को भारतीय सशस्त्र सेनाओं के छोटे भाई के समकक्ष

कर्नल (रि.) मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक अभी-अभी दिल्ली का इलेक्शन खत्म हुआ और करीब एक महीने के जोरदार चुनावी शोर के बाद भारत की दो बड़ी और पुरानी पार्टियां जिनमें एक तो खाता तक न खोल पाई और दूसरी दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाई। इस के अलावा एक और खबर जो भारतीय खेल प्रेमियों