प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार आज राज्य का ऋण भार 49,000 करोड़ है जो कि अच्छी योजना या प्रबंधन के लिए पर्याप्त राजस्व का स्रोत नहीं है। एक इच्छा है कि मात्र इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन करने के बजाय सरकार को ही बेहतर प्रबंधन करने के तरीकों की तलाश करनी चाहिए और राजस्व के
राजेंद्र राजन लेखक साहित्यकार हैं इस अत्यंत शर्मनाक घटना के बाद सरकार, प्रशासन, पुलिस व नेताओं का सक्रिय होना इस बात का संकेत है कि जब तक मीडिया संज्ञान न ले, पंचायत प्रतिनिधि व पुलिस मौन साधे रखेंगे। सात नवंबर को पीडि़त महिला ने अपनी प्रताड़ना के विरुद्ध पुलिस से शिकायत की, लेकिन इस उम्रदराज
पूरन सरमा स्वतंत्र लेखक भैयाजी मंत्री बन गए थे। उन्हें बधाई देना मेरे लिए लाजमी था, सो उनके निवास पर पहुंचा तो वे प्लेट में गुलाब जामुन का ढेर लगाए उन्हें गटक रहे थे। मैंने कहा-‘यह क्या, आप अकेले-अकेले ही खा रहे हैं गुलाब जामुन, मंत्री बनने की मिठाई तो हम भी खाएंगे।’ वे गुलाब
पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार हम यह भूल जाते हैं कि हमारी भैंस तो दरअसल हमारे जीवन से जुड़े रोजमर्रा के सवाल हैं। यानी, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य , महिला सुरक्षा, परिवहन व्यवस्था, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, पीने योग्य पानी, भोजन और किसान, महंगाई, प्रदूषण रहित हवा तथा ऐसे ही अनगिनत मुद्दे, लेकिन हम हैं कि भैंस के
सुरेश सेठ साहित्यकार यह देश पिछले साठ वर्ष से सो रहा था, हमने उसे जगा दिया। सुना था कि कुंभकर्ण छह महीने सोता था और छह महीने जागता था। जब श्री राम से लड़ने के लिए महाबलि रावण ने उसे जगाया था, तो न जाने कितना शोर-शराबा, कितना हो-हल्ला करना पड़ा था। कानफाड़ बैंड-बाजे बजे,
हरि मित्र भागी सकोह, धर्मशाला श्री टीएन शेषन जो इस नश्वर शरीर को छोड़ कर दस नवंबर 2019 को इस संसार से उन यादों को छोड़ कर परलोक गमन कर गए जो भारत लोकतंत्र में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएंगी। उन्होंने उन प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए वह छाप छोड़ी कि यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी,
जगदीश बाली स्वतंत्र लेखक सरकाघाट के एक गांव में वृद्ध महिला के साथ हुए आततायी व्यवहार पर मन दुखी व आक्रोशित है। आस्था व अंधविश्वास के बीच फासला ज्यादा नहीं होता। इस महीन सी हद को जब आस्था या श्रद्धा पार करती है, तो अंधविश्वास का काला युग व साम्राज्य आरंभ होता है। अंधविश्वास के
सुरेश सेठ साहित्यकार आज जिस तरीके से अयोध्या का मामला सुप्रीम कोर्ट ने वक्त से पहले निपटा दिया है, अपना स्पष्ट निर्णय दे दिया है। उससे देश में सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए नई उम्मीदें जागी हैं। चालीस दिन की लगातार सुनवाई के बाद यह फैसला सत्रह तारीख को आने की उम्मीद थी। इस फैसले को
पुष्पदीप जस्वाल लेखक, शिमला से हैं धार्मिक मान्यताओं, देवी-देवताओं और सांस्कृतिक मूल्यों से लबरेज विरासत के धनी हिमाचल के मंडी जिले के सरकाघाट की गहर पंचायत के समाहल गांव की घटना बेहद ही शर्मसार और दिल दहलाने वाली है। हिमाचल की छोटी काशी कहे जाने वाला मंडी जिला न केवल देवी-देवताओं की पावन भूमि माना