वैचारिक लेख

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं देश के हर किसान को एक निर्धारित रकम हर वर्ष नकद देनी चाहिए जैसे एलपीजी सबसिडी को उसके खाते में डाला जा रहा है। जितनी रकम सरकार द्वारा पानी के मूल्य एवं नकदी फसलों पर जीएसटी से वसूल की जाए, उससे ज्यादा रकम किसानों को सीधे

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं सच्चा सौदा डेरे के चेलों द्वारा एक हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद अंततः गुरमीत राम रहीम को 10 साल की सजा सुना दी गई है। नागरिकों को भी चाहिए कि वे सामाजिक सौहार्द में वृद्धि और विकास रूपी रथ के सारथी बनें, न कि अपने ही प्राणों को जोखिम

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं यह भी हैरानी की बात है कि संविधान में समान नागरिक संहिता की व्यवस्था के बावजूद यह अब तक बना हुआ है। अब तक जितनी भी सरकारें बनी हैं, वे इस मसले पर बचती रही हैं। मोदी सरकार भी यही कर सकती है। लेकिन यह कोई समाधान नहीं होगा।

विजय शर्मा लेखक, हिम्मर, हमीरपुर से हैं पिछले कुछ वर्षों से जलवायु में भारी उथल-पुथल के कारण कभी अत्यधिक गर्मी पड़ती है, तो कभी भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिलता है। इन तमाम विपदाओं में प्रबंधन को देखकर ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे छोड़

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कुछ मुसलमानों ने अपनी अलग-अलग एनजीओ बना रखी हैं और इस निर्णय को लेकर आपस में बहस कर रही हैं। इस प्रकार की एक एनजीओ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है, जिसका कहना है कि तीन तलाक पर कचहरियों को दखलअंदाजी करने का अधिकार नहीं है।

सुरेश कुमार लेखक, ‘दिव्य हिमाचल’ से संबद्ध हैं यह कैसा संत जो 800 गाडि़यों के काफिले के साथ चलता हो, खुद को भगवान मानने वाला कभी संत नहीं हो सकता। इससे पहले भी संत रामपाल और बाबा आसाराम ने इस तरह के कांड करके  संत समाज को शर्मसार किया है… ऐसा तो कभी तब नहीं

प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं 300 वर्ग मीटर में फैला गोरखपुर का यह अस्पताल राज्य का एकमात्र मल्टी स्पेशियलिटी तथा एम्स जैसा चिकित्सा संस्थान है। इस अस्पताल में इलाज के लिए नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी लोग लाए जाते हैं। जब तक उन्हें अस्पताल में पहुंचाया जाता

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं राज्य में खेलों को ऊपर उठाना है, तो आज निजी शिक्षण संस्थानों को इसमें भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित करना होगा। यदि एक-एक विद्यालय सुविधा के अनुसार किसी एक खेल को भी गोद लेता है, तो राज्य में सैकड़ों निजी विद्यालय खेलों के स्तर को ऊपर ले जाने

डा. दिलीप अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं तीन तलाक पर माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले ने केवल मुस्लिम महिलाओं को ही आजादी नहीं दी है, वरन इससे पंथनिरपेक्षता के दावेदार भी बेनकाब हुए हैं। न्यायालय ने इस मसले की सुनवाई के प्रारंभिक चरण में ही केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। कल्पना कीजिए कि इस