( कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं ) शराब जहां कारोबारियों के लिए भारी-भरकम मुनाफे का सौदा है, वहीं राजनीतिक दलों के लिए सत्ता का मार्ग प्रशस्त करती रही है। दूसरी तरफ सरकारों के लिए आमदनी का प्रमुख स्रोत भी है। लेकिन नशाखोरी से घर-परिवार टूट रहे हों, अपराध बढ़ रहा हो, सड़क
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं जेठमलानी की नजर में मुकदमा लेते समय तो केजरीवाल अमीर थे और फीस देते समय अचानक गरीब हो गए हैं। इसलिए अब वह उनका मुकदमा मुफ्त लड़ेंगे। जेठमलानी की पारखी नजर को मानना पड़ेगा। सारे देश में उन्होंने मुफ्त मुकदमा लड़ने के लिए मुवक्किल भी ढूंढा तो
कंचन शर्मा लेखिका, स्वतंत्र पत्रकार हैं गोवंश हत्या कोई धर्म, जाति या समुदाय का झगड़ा नहीं, अपितु यह भारत की अर्थव्यवस्था को क्षीण करने का एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इसके तहत लार्ड मैकाले ने न केवल भारत की शिक्षा प्रणाली को कमजोर किया, बल्कि यहां की आर्थिकी का गहन अध्ययन कर गोवंश को ही
प्रो. एनके सिंह लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली में पांच खामियां स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती हैं और इन्हें बिना वक्त गंवाए दूर करने की महत्ती जरूरत है, लेकिन पार्टी में कोई भी इसको लेकर चिंतित नजर नहीं आता। इस संदर्भ में सबसे पहले तो पार्टी
प्रेम भावटा लेखक, रोहड़ू, शिमला से हैं लावारिस पशुओं को चिन्हित कर उनके लिए चरागाहों की व्यवस्था की जाए। सरकार की देखरेख में पशु मेले भी आयोजित किए जा सकते हैं, जिसमें कृषि व भार-वहन हेतु पशुओं की वैध बिक्री संभव हो सकती है। जब तक पशुओं को उपयोगी नहीं बनाया जाता, तब तक इस
पीके खुराना पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं धमीजा का मानना है कि हमें खुले दिमाग से सोचना चाहिए। बंद दिमाग या तंग दिमाग समाज के पतन का कारण बनता है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित धमीजा की पुस्तक हिंदी में होने के कारण एक बड़े पाठकवर्ग तक पहुंचेगी और शायद यह संभव
( सतपाल लेखक, एचपीयू में शोधार्थी हैं ) हम केवल शिक्षा के मात्रात्मक पक्ष पर बल दे रहे हैं, वहीं इसके गुणात्मक पहलू को नजरअंदाज कर रहे हैं। हम शिक्षा के मात्रात्मक आंकड़ों जैसे साक्षरता दर इतने प्रतिशत, इस जिला की साक्षरता दर ज्यादा व इस जिला की कम पर बल दे रहें हैं, जबकि
भानु धमीजा सीएमडी, ‘दिव्य हिमाचल’ लेखक, चर्चित किताब ‘व्हाई इंडिया नीड्ज दि प्रेजिडेंशियल सिस्टम’ के रचनाकार हैं संविधान अंगीकार करने के कुछ दिनों में ही नेहरू और राजेंद्र प्रसाद के बीच मूक रस्साकशी आरंभ हो गई। ये लड़ाइयां अकसर कानून नकारने के राष्ट्रपति के अधिकार पर थीं। उनके पहले कार्यकाल में ही भारत तीन बार
किशन चंद चौधरी लेखक, बड़ोह, कांगड़ा से हैं मनरेगा के तहत हजारों किलोमीटर रास्तों तथा सड़कों, तालाबों आदि का निर्माण कार्य पिछले दस वर्षों में हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर आगामी वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत दस लाख नए तालाब खोदने का लक्ष्य रखा है… मनरेगा ग्रामीण अधोसंरचना के विकास में मील का पत्थर