कर्म सिंह ठाकुर (लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं) नलवाड़ी मेले से बैलों व अन्य पशुओं की उपस्थिति तो करीब-करीब लुप्त हो चुकी है, लेकिन यहां प्रशासनिक आडंबरों का खूब बोलबाला है। मेले का उद्घाटन, सांस्कृतिक संध्याओं व अतिथि सत्कार की रस्म अदायगी तो सिर चढ़ कर बोलती है, लेकिन इस शोर-शराबे में मेलों के मूल
डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं हिंदू धर्म कहता है कि अंतर्मन की आवाज सुनो। योग और ध्यान के माध्यम से अपनी अंदरूनी वृत्ति को पहचानो और मन को सांसारिक खिंचावों से हटाकर अंतर्मन की ओर ले जाओ। बौद्ध धर्म मध्यम मार्ग को बढ़ावा देता है। विज्ञापन में बहने के स्थान पर
अनुज आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं हिमाचल में इस समय भूतपूर्व सैनिकों की संख्या लगभग एक लाख 30 हजार 225 है और वीर नारियों की संख्या 30 हजार 980। बड़ी संख्या मेें सेवानिवृत्त सैनिकों का पुनर्वास करना किसी चुनौती से कम नहीं है। पूर्व सैनिकों द्वारा सैन्य सेवाकाल के दौरान अर्जित सेवा भावना, दक्षता एवं
कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं राम मंदिर मसले पर उच्चतम न्यायालय की पीठ ने जो सुझाव दिया उसको लेकर भाजपा में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, उतना शायद ही किसी और दल में देखने को मिला हो। लंबे अरसे से खिंचे चले आ रहे इस मामले का अब कोई अंतिम समाधान हो
सुरेश कुमार लेखक, ‘ दिव्य हिमाचल ’ से संबद्ध हैं आगे बढ़ने के लिए अतीत से जुड़ना जरूरी है। कहीं ऊपर चढ़ने के लिए सीढ़ी को जमीन पर ही टिकाना पड़ता है। हवाई जहाज भी उड़ने के लिए पहले जमीन पर ही काफी दूर तक दौड़ता है। आसमान हो न हो, जमीन होना बहुत जरूरी
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं श्रीनगर और अनंतनाग के संसदीय क्षेत्रों से उपचुनावों की घोषणा हो गई है। यदि नेशनल कान्फ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार को अपनी खोई हुई साख फिर से प्राप्त करनी है, तो श्रीनगर की लोकसभा सीट जीतना बहुत जरूरी है। फारुक अब्दुल्ला भलीभांति यह जानते
अमृत महाजन लेखक, नूरपुर, कांगड़ा से हैं किसी अभियान का ऐलान करना एक बात है और उसे अंजाम तक पहुंचाना दूसरी बात। यह एक वास्तविकता है कि भारत में लोग तब तक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, जब तक उन्हें कानून का डर न हो। इसीलिए बहुत से लोगों पर आज भी साफ-सफाई के संस्कार ढूंढे
भारत डोगरा लेखक, प्रबुद्ध एवं अध्ययनशील लेखक हैं हाल ही के वर्षों में जीएम (जेनेटिकली मोडिफाइड) फसलों के प्रतिकूल असर या विरोध के बारे में विश्व के कई देशों से समाचार मिले हैं। जीएम फसलें कृषि, पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो सकती हैं। जीएम फसलों के विरोध का एक मुख्य आधार
प्रो. एनके सिंह (लेखक, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं) कांग्रेस ने चुनावों को लेकर जो बड़े-बड़े सपने देख रखे थे, पंजाब को छोड़कर वे हर कहीं चूर-चूर हो गए। राहुल गांधी भी कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेदारी लेने के लिए आगे नहीं आए और हमेशा की तरह इसका ठीकरा संबंधित राज्यों