चंबा

चंबा —  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चूड़ी में स्टाफ की कमी से चिकित्सक सेवाएं हांफ  जाने से मरीजों का मर्ज दोगुना होकर रह गया है। 21 पंचायतों के लोगों की सेहत का जिम्मा उठाने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्टाफ  की कमी से खुद बीमार होकर रह गया है। हालात यह है कि तीस बिस्तरों वाले इस

चुराह —  राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कल्हेल में विज्ञान संकाय की कक्षाएं आरंभ न हो पाने से तीन पंचायतों के नौनिहालों का चिकित्सक व इंजीनियर बनने का सपना साकार नहीं हो पा रहा है। पाठशाला में विज्ञान संकाय की कक्षाएं आरंभ न होने से मजबूरन छात्रों को संबंधित विषय की पढ़ाई हेतु 50 किलोमीटर दूर

चुराह —  उपमंडल टिकरीगढ़ पंचायत में संचालित आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी को करीब तीस वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकारी छत नसीब नहीं हो पाई है। सरकारी भवन न होने से आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी का संचालन पंचायत की ओर से उपलब्ध करवाए गए कमरे से किया जा रहा है। ग्रामीणों की आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी भवन निर्माण की मांग

चंबा —  भरमौर हलके के गैर जनजातीय क्षेत्र की खुंदेल व बलोठ पंचायत के लोग बतोट नाला पर पुली की खराब हालत के चलते जान जोखिम में डालकर आवाजाही को मजबूर हैं। बतोट नाला की पुली पर गुजरते वक्त जरा सी चूक कभी भी इनसानी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। जर्जर पुली से गुजरते

भरमौर —  जनजातीय उपमंडल भरमौर में बारिश के कहर ने यहां की लाइफ लाइन को बुरी तरह से तहस-नहस कर दिया है। मंगलवार देर रात से जारी मूसलाधार बारिश के चलते चंबा-भरमौर एनएच पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद पड़ गई है, जिसके चलते सुबह-सुबह यात्रियों को भी अपने गंतव्य तक पहुंचने के

साहो —  चंबा विकास खंड की प्लूयर पंचायत के तीस गांवों को आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी सड़क सुविधा मयस्सर नहीं हो पाई है। सड़क सुविधा न होने से ग्रामीण आज भी रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को पीठ पर लादकर कई किलोमीटर की सटीक चढ़ाई चढ़कर घर पहुंचाने को मजबूर

सुरगानी —  आजादी के 70 वर्ष के उपरांत भी मंजीर पंचायत के पांच गांवों के लोगों का सड़क सुविधा से जुड़ने का सपना साकार नहीं हो पाया है। सड़क सुविधा के अभाव में ग्रामीण आज भी रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को पीठ पर लादकर ले जाने को मजबूर हैं। आपातकाल में मरीज को पालकी

छतराड़ी —  भरमौर विधानसभा क्षेत्र के छतराड़ी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सेवाएं राम भरोसे ही चल रही है। हालात ये हैं कि सप्ताह में यहां पर तीन से चार दिन ही नियमित रूप से सेवाएं मिल पाती हैं। शेष दिनों में अस्पताल फोर्थ क्लास कर्मी के हवाले ही रहता है। चूंकि यहां तैनात एक

चंबा  – हिमाचल प्रदेश उपायुक्त कार्यालय कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सात अप्रैल 2017 को पालमपुर में हुई राज्यस्तरीय बैठक में सरकार को दिए गए एजेंडे को तुरंत लागू किया जाए। मंगलवार को प्रदेश कार्यालय कर्मचारी महासंघ की बैठक में कर्मचारियों के मुद्दों पर जमकर चर्चा हुई तथा पिछली बैठक