लाहुल-स्पीति

केलांग — शनिवार को केलांग में मौसम खराब बना रहा और आसमान में बादल छाए रहे। घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां दोपहर बाद हल्की बारिश का दौर देखा गया, वहीं लाहुल-स्पीति घूमने आए सैलानी भी यहां के सुहावने मौसम का आनंद उठाते दिखाई दिए। स्पीति के कुछ क्षेत्रों में भी हल्की बारिश होने

केलांग – उदयपुर के नामो गांव में शनिवार दोपहर को अचानक एक घर में आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली की घर की तीसरी मंजिल जलकर राख हो गई। इस घटना में करीब 20 लाख रुपए की संपत्ति राख में तबदिल हो गई है। जानकारी के अनुसार उदयपुर के समीप नामो गांव में शनिवार

केलांग-मनाली-लेह मार्ग पर बारालाचा के समीप हो रहे भू-स्खलन  ने सैलानियों को डरा दिया है। यहां से गुजरने वाले सैलानी अब मौसम के ठीक होने व पहाड़ी से चट्टाने न गिरने की दुआ करते नजर आ रहे हैं। यही नहीं, बारालाचा के पास  हो रहे भू-स्खलन को ध्यान में रख प्रशासन ने भी वहां मशीनों

केलांग —मनाली-लेह मार्ग पर जिंगजिगबार के समीप भू-स्खलन होने से मनाली-लेह मार्ग मंगलवार सुबह करीब चार घंटे बंद रहा। प्रशासन को जैसे ही भू-स्खलन की जानकारी मिली वैसे ही ठप पड़ी सड़क पर यातायात बहाल करवाने के लिए कसरत तेज कर दी गई। प्रशासन का कहना है कि मंगलवार अल सुबह ही जिंगजिंगबार के समीप

केलांग —लाहुल-स्पीति में दम तोड़ रहे मोबाइल नेटवर्क को जीवन दान देने के लिए बीएसएनएल को बीआरओ की हां का इंतजार है। हाई हिमालय रेंज में बन रही एशिया की सबसे बड़ी अग्निरोधक रोहतांग टनल के भीतर से बीएसएनएल ने ओएफसी गुजारने की योजना बनाई है, जिसके लिए बीआरओ से परमिशन मांगी गई है। ऐसे

 केलांग —बर्फीले रेगिस्तान को जल्द सेब नई पहचान दिलाएगा। लाहुल-स्पीति में मटर-आलू के बाद सेब की फसल यहां के बागबानों को मालामाल करेगी। सार दर साल लाहुल में जहां सेब की फसल का प्रचलन बढ़ रहा है, वहीं आज से करीब पांच साल पहले जहां लाहुल में करीब 500 हेक्टेयर भूमि पर ही सेब के

 केलांग —खराब मौसम अब कबायलियों पर भी कैहर बरपाने के मूड में दिख रहा है। मौसम के बदले मिजाज से जहां लाहुल-स्पीति के नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं, वहीं काजा-ग्रांफू मार्ग पर छोटा दड़ा के समीप बहने वाला नाला रविवार रात से एक बार फिर उफान पर बह रहा है। ऐसे में उक्त सड़क

लाहुल के बाद स्पीति में भी चमका टैंटों का कारोबार, वादियां निहारने देश-विदेश से पहुंच रहे पर्यटक केलांग – समर सीजन की रफ्तार भले ही धीमी पड़ गई हो, लेकिन केलांग के बाद अब कैंपिंग का कारोबार स्पीति में रफ्तार पकड़ चुका है। समर सीजन में स्पीति घूमने आने वाले सैलानियों में 80 फीसदी सैलानी ऐसे

केलांग – लाहुल-स्पीति के पहाड़ों को नापने निकले देशी-विदेशी ट्रैकरों की संख्या बढ़ने से ट्रैकिंग एजेंसियों के संचालकों के चेहरे खिल उठे हैं। अकसर यह देखा जाता था कि जून माह में जहां देश के मैदानी क्षेत्रों में स्कूल-कालेज में छुट्टियां होने से लाहुल-स्पीति में ट्रैकरों की संख्या अधिक होती है, लेकिन इस बार जुलाई माह