डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार सोनिया कांग्रेस और कम्युनिस्ट इस बम विस्फोट की सामूहिक जिम्मेदारी स्वीकार करेंगे या नहीं फिलहाल नहीं कहा जा सकता, लेकिन ओवैसी बंधुओं ने एक नई बहस छेड़ दी है। उनका कहना था कि हम मुसलमानों ने भारतीयों पर आठ सौ साल राज किया है। हम मुगलों ने तुम्हें दौड़ा-दौड़ा

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार ब्रिटिश सरकार का हित इसमें था कि एक नया इस्लामी देश बना कर उसे इस्लामी देशों की कमान सौंपी जा सके और उसका उपयोग भारत में रूसी साम्यवाद को रोकने के लिए किया जाए। इसके साथ ही भारत का एक स्थायी दुश्मन उसके पड़ोस में खड़ा कर दिया जाए

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करते-करते विपक्षी दलों का नेतृत्व कर रही ममता बनर्जी विरोध की वह लक्ष्मण रेखा पार कर गई लगती हैं। पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने का विरोध कर रही हैं… जो राजनीतिक दल

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार व्यक्तिगत रूप में मुझे संस्कृत भाषा पर बहुत अभिमान है। यह भाषा मुझे ठीक से आनी चाहिए, ऐसा मुझे आज भी लगता है। मैं अब खुद ही संस्कृत पढ़ता हूं। अपने इस परिश्रम के कारण मैं थोड़ी-थोड़ी संस्कृत पढ़ने व समझने लगा हूं। इस भाषा में प्रवीण होने की

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार जयराम सरकार को इस बात का श्रेय देना होगा कि उसने विभिन्न स्तरों पर फैली भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ने की दिशा में जाने का संकल्प ही नहीं लिया बल्कि उस दिशा में व्यावहारिक रूप से काम करना भी शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग में फैले छात्रवृत्ति घोटाले

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार जुलाई 1947 में इंग्लैंड की संसद ने भारत स्वतंत्रता अधिनियम 1947 पारित किया जिसमें भारत के कुछ हिस्से को काट कर उसे पाकिस्तान का नाम दे दिया गया। दुर्भाग्य से नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने ब्रिटिश संसद द्वारा पारित इस विधेयक को स्वीकार कर लिया। इस विधेयक के

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार डोगरा शासक महाराजा प्रताप सिंह ने महात्मा गांधी को 1915 में श्रीनगर आने का निमंत्रण दिया था। ध्यान रहे महाराजा प्रताप सिंह को ब्रिटिश सरकार प्रताडि़त ही नहीं कर रही थी बल्कि उनको पदच्युत करने का प्रयास भी कर रही थी। महात्मा गांधी का निश्चित मत था कि रियासतों

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार कांग्रेस और भ्रष्टाचार लगभग पर्यायवाची ही बन गए हैं। सत्ता कांग्रेस की होगी तो जाहिर है वरिष्ठ से लेकर कनिष्ठ कांग्रेसी सत्ताधारी अपने- अपने रुतबे और योग्यता के हिसाब से घोटालों में लग ही जाएंगे, लेकिन उससे सोनिया कांग्रेस की बदनामी भी होगी, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते थे।

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार जाहिर है मुस्लिम अंडरवर्ल्ड को हिंदू के उत्तर भारतीय होने सा दक्षिण भारतीय होने से कोई मतलब नहीं था। उस कालखंड में शिव सेना ने अपने चिंतन व दृष्टि का विस्तार करना शुरू किया व संगठित मुस्लिम गुंडागर्दी का दबाव देना शुरू किया। इस प्रकार शिवसेना ने अपने कार्यक्षेत्र