डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

कुछ लोग राजेन्द्र सच्चर और रंगनाथ मिश्रा की रपटों की भारी भरकम पोथियां लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर भागते देखे गए। तर्क पर तर्क दिए जा रहे हैं। किसी भी तरीके से आरक्षण दिलवाना है, नहीं तो महमूद गजनवी से लेकर औरंगजेब तक का सब किया कराया मिट्टी में मिल जाएगा। प्रश्न यह है कि

ये हाथ धोकर हमारे भ्रष्टाचार की ही जांच क्यों कर रहे हैं। बाकी लोगों की जांच करें। हमारा पीछा छोड़ें। हम राज परिवार के लोग हैं। सत्ता के आसनों पर बैठते रहे हैं। कल फिर से बैठ सकते हैं। इन जांच एजेंसियों को हजूर किसी तरह रोकें। देश का कोई भी आदमी जिसका कानून से

एटीएम का दूसरा तर्क और भी मज़ेदार था। उनका कहना था कि पहाडिय़ों में हिंदू, सिख और मतांतरित मुसलमान सभी शामिल हैं। इसलिए उनको एसटी का दर्जा कैसे दिया जा सकता है? यह सचमुच हास्यास्पद तर्क था। इसका अर्थ हुआ कि यदि ये हिंदू-सिख मतांतरित होकर मुसलमान हो जाएं तब तो एसटी का दर्जा देने

यही कारण है कि अमरीका सरकार सार्वजनिक रूप से कह रही है कि हम हिंदुस्तान की सरकार की गतिविधियों पर तीखी नजर रखे हुए हैं। बीबीसी मोदी विरोधी ताकतों को कच्चा माल मुहैया करवा रही है… लोकसभा का आगामी चुनाव अत्यन्त महत्वपूर्ण होता जा रहा है। देश में भी और विदेश में भी। उसका कारण

हैरत की बात यह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार मूसेवाला की निर्मम हत्या के बाद भी गैंगस्टरों पर काबू नहीं पा सकी। उसके पिता ने सार्वजनिक रूप से नाम लेकर कुछ लोगों के नाम लिए लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी। सरकार के इस व्यवहार से आम आदमी पार्टी पर ही

राहुल गांधी से कम से कम यह तो नहीं ही कहलवाना चाहिए था कि यूरोप और अमेरिका भारत की आंतरिक राजनीति में हस्तक्षेप करें। कांग्रेस पार्टी पर पहले से ही यह आरोप लगता आया है कि इसकी स्थापना एक अंग्रेज ने ब्रिटेन के सांस्कृतिक व राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए की थी। आज राहुल

आम आदमी पार्टी का कष्ट ईमानदारी का मुलम्मा उतर जाने का है और सोनिया कांग्रेस का कष्ट तमाम प्रयासों के बावजूद राहुल गांधी की मैच्योर व्यक्ति की छवि न बन पाना है। उनको पार्टी के सलाहकारों ने अडानी का झुनझुना दे दिया कि इसे बजाते रहो, इससे लोग भाजपा के खिलाफ हो जाएंगे। पिछली बार

इसके अध्ययन के बाद आधुनिक काल में इस भेदभाव को खत्म करने के लिए सामाजिक चेतना की जरूरत है… पिछले दिनों मुम्बई में संत शिरोमणि रविदास जी की जयन्ती पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत जी ने कहा कि रविदास जी जिस मार्ग पर चल रहे थे, उसका अपने वक्त

वैसे पार्टी में सभी को उनकी हैसियत बताने के लिए वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने इसके लिए ‘राम की खड़ाऊं’ वगैरह का उदाहरण भी दिया। इसके साथ ही राहुल गांधी कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक की पद यात्रा करने के लिए घर से निकले। इसका भी उद्देश्य यही था कि लोग राहुल गांधी को भी