एमडी की तीन सीटें घटीं

आईजीएमसी-मंडी अस्पताल के लिए एमसीआई सख्त

शिमला – आईजीएमसी के प्रोफेसरों द्वारा रिसर्च पेपर जमा न करवाने के कारण एमसीआई इन्हें प्रोफेसर मानने को तैयार नहीं है। इस कारण एमसीआई ने आईजीएमसी में जनरल मेडिसिन में तीन सीटें बढ़ाने को साफतौर पर इनकार कर दिया है। एमसीआई की ओर से प्रदेश सरकार को इस बारे में पत्र भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि आईजीएमसी फैकल्टी में जिन प्रोफेसरों और असिस्टेंट प्रोफेसरों को पदोन्नत किया गया है, वह नियमों को रखकर पदोन्नत किए गए हैं। एमसीआई ने पदोन्नति को अवैध करार देते हुए कहा कि आठ अगस्त, 2016 को काउंसिल असेसर रिपोर्ट के आधार पर एमसीआई ने निर्णय लिया है कि आईजीएमसी में जनरल मेडिसन में एमडी की तीन सीटों को मान्यता नहीं दी जाए। एमसीआई ने प्रोफेसर के दो पदों और एसोसिएट प्रोफेसर के  पदों पर हुई पदोन्नति को नियमों के विपरीत करार देते हुए तर्क दिया है कि इन पदों पर पदोन्नत किए गए फैकल्टी मेंबर ने बेनिफिट ऑफ पब्लिकेशन के तहत शोध पत्र से संबंधित कॉलम खाली रखा है तथा इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, जबकि नियमों के मुताबिक शोध पत्रों की शर्त पूरी करना अनिवार्य है। एमसीआई ने कहा है कि जनरल मेडिसिन में सात फैकल्टी मेंबर को बिना रिसर्च पेपर के प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया गया है। ऐसे में एमसीआई इन्हें प्रोफेसर नहीं मानती। इसलिए इन्हें पीजी करवाने के लिए अधिकृत नहीं किया जा सकता।

टीएमसी में भी आपत्तियां

पिछले साल रिसर्च पेपर जमा न कराने को आधार बनाकर एमसीआई ने टांडा की सीटों में भी कटौती कर दी थी। यहां पर भी 11 सीटों को मान्यता देने से काउंसिल ने इनकार कर दिया था।