हिमाचल समाचार

भारत रतन से सम्मानित ऊर्जा सेक्टर की अग्रणी कंपनी एनएचपीसी ने पार्वती प्रोजेक्ट चरण दो में एशिया की सबसे लंबी वाटर टनल की अंतिम खुदाई पूरी कर ली है। हिमालय की बर्फीली पहाडिय़ों में एनएचपीसी को फाइनल कामयाबी हासिल हुई है। कठोर पहाड़ों को भेदने वाली विदेशी मशीन टीबीएम ने 32 किलोमीटर लंबी टनल की खुदाई कर जहां विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है, वहीं ऊर्जा विकास में भी एक नई युग की शुरुआत होने वाली है। एनएचपीसी के कार्यपालक निदेशक कार्यालय नगवाईं से मिली

हिमाचल के कई लोग मानते हैं कि आर्थिक तंगहाली से बाहर निकलने के लिए प्रदेश की सुखविंद्र सिंह सुक्खू सरकार को घाटे के विभाग, बोर्ड व निगम बंद कर देने चाहिएं। सैलरी, पेंशन और विकास कार्यों में पैसे की तंगी झेल रही कांग्रेस सरकार ने बचत के लिए कई बोल्ड फैसले लिए हैं। प्रदेश में चल रही इसी चर्चा के बीच दिव्य हिमाचल मीडिया हाउस ने इस बार अपने साप्ताहिक सर्वे में सवाल उठाया था कि ‘क्या आर्थिक संकट से उबरने के लिए हिमाचल को घाटे के विभाग, बोर्ड और निगम बंद कर देने चाहिए?’ इस सवाल पर कुल 3224 लोगों ने वोट करके अपनी राय दी। इसमें 70 प्रतिशत लोगों ने इस पक्ष में वोट किया कि घाटे में चल रहे विभागों, बोर्डों

हिमाचल प्रदेश सुक्खू सरकार के बीस महीने में आर्थिक संकट में आ गया है। इस सरकार में आने वाले समय में यह संकट और बढ़ेगा। यह बात नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को कुल्लू जिला में आयोजित भाजपा के सदस्यता अभियान के बाद मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल को आर्थिक संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान कोविड के चलते देश-प्रदेश की रेवेन्यू शीट कमजोर हो गई थी, लेकिन सरकार ने इसके बावजूद भी कर्मचारियों की सैलरी समय पर दी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में एक तारीख को ही सैलरी मिलती थी, लेकिन आज कर्मचारी सैलरी के परेशान हो रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में हालांकि नए प्रोजेक्ट लेने के लिए कोई कंपनियां आगे नहीं आ रही हैं, परंतु जो प्रोजेक्ट सालों पहले यहां पर दिए गए थे, वे धीरे-धीरे उत्पादन में आने शुरू हो गए हैं। निजी क्षेत्र में तीन साल में 10 नई परियोजनाएं उत्पादन में आई हैं। राज्य में 24 हजार मेगावाट से ज्यादा की बिजली क्षमता है, जिसमें से अभी 11 हजार मेगावाट के आसपास उत्पादन हो रहा है। सरकार के चिंता का कारण यह है कि नए प्रोजेक्टों के लिए कंपनियां नहीं आ रही हैं और पुराने कई ऐसे प्रोजेक्ट अधर में लटके हैं, जिनको समय पर मंजूरी नहीं मिल पा रही है। अब सरकार नीति में कुछ बदलाव करेगी और प्राइवेट डिवेलपर्ज को आकर्षित करेगी। राज्य में पिछले तीन साल की बात करें, तो यहां 10 परियोजनाएं निजी क्षेत्र में उत्पादन में आई हैं। इनसे सरकार को मुफ्त बिजली रॉयल्टी मिल रही है। अभी चंबा जिला में परियोजनाओं का इंतजार किया जा रहा है, जहां पर निजी क्षेत्र को रावी नदी में परियोजनाएं स्थापित करने को कई प्रोजेक्ट दिए गए हैं। जो प्रोजेक्ट यहां पर बनकर तैयार हो चुके हैं और उत्पादन में आ गए हैं, उनमें 19.8 मेगावाट का चांजू-दो प्रोजेक्ट है, जिसे पहले सरकारी क्षेत्र को दिया गया था, मगर बाद में इसे निजी हाथों में

रामपुर और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीजों ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 200 से पार पहुंच गई है। बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट है और बीमारी पर शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। वहीं, नगर परिषद ने भी सभी वार्डों में कीटनाशक स्प्रे और फॉगिंग से डेंगू के खात्मे का अभियान चलाया है। इसके अतिरिक्त शिमला से आए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी रामपुर शहर का दौरा कर लोगों को इस बीमारी के बचाव पर जानकारी बांटी है। रामपुर में ऐसा पहली बार है, जब शहर में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 200 के पार पहुंचा

वृंदावन से आ रही हमीरपुर डिपो की बस की चाबी निकालकर एक कार सवार मौके से फरार होकर बठिंडा जा पहुंचा। इस दौरान बस मुरथल टोल प्लाजा पर ही खड़ी रही। बस में सवार यात्रियों को निगम की अन्य बसों में रवाना किया गया। मामला पुलिस में पहुंचा, तो कार चालक ने 30 हजार रुपए देकर अपनी जान छुड़वाई । मिली जानकारी के अनुसार हमीरपुर डिपो की वृंदावन से हमीरपुर लौट रही (एचपी-67-8084) बस शुक्रवार रात करीब पौने नौ बजे जैसे ही मुरथल टोल प्लाजा पर रु

किन्नौर जिला सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष एवं एपीएमसी निदेशक प्रेम कुमार नेगी सहित एपीएमसी शिमला किन्नौर के निदेशक उमेश नेगी ने सेब खरीद कंपनियों जैसे अडानी व देव भूमि सहित कई अन्य को दो टूक शब्दों मे चेतावनी दी है । उन्होंने कहा कि यदि यह सभी कंपनियां किन्नौर जिला सेब खरीद में मूल्य में बढ़ावा नहीं करती है, तो किन्नौर के बागबान इन सभी कंपनियों का बहिष्कार ही नहीं करेंगे बल्कि इनके विरूद्ध एपीएमसी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। इन कंपनियों के खिलाफ सेब उत्पादक एक बड़ा जनआंदोलन भी करेंगे।

प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड के पास लगातार बिजली मीटरों की डिमांड आ रही है। यह डिमांड बढ़ती जा रही है, जिससे साफ है कि राज्य में निर्माण कार्य तेजी के साथ हो रहे हैं। बढ़ रहे निर्माण कार्यों से बिजली मीटर की मांग भी बढ़ गई है। दो साल में बिजली बोर्ड ने दो लाख 26 हजार 430 बिजली के मीटर लगा दिए हैं मगर अभी भी बोर्ड के पास 37 हजार 247 मीटर लगाने की डिमांड है, जिसको पूरा करने के लिए बोर्ड ने निर्देश दे दिए हैं। मीटर बनाने वाली कंपनियों के साथ करार किए जा रहे हैं। नॉर्थ जोन के लिए टेंडर हो चुके हैं और शेष क्षेत्रों के लिए अभी टेंडर होने हैं। जिन इलाकों में अभी बिजली मीटर लगाए जाने हैं और डिमांड पड़ी हुई हैं उनमें मंडी में 693, जोगिंद्रनगर में 807, सरकाघाट में 134, गोहर में 609, धर्मपुर में 76, करसोग में 557, सुंदरनगर में 1466, कुल्लू में 1350, मनाली में 814, थलौट में 920, केलांग में 23, शहरी मंडल शिमला में 821, ठियोग में 426, चौपाल में 368, सुन्नी में 136, सोलन में 1251, परवाणू में 442, बद्दी में 697, नालागढ़ में 2493, अर्की में 490, पांवटा साहिब में 447, नाहन में 133 मीटर की डिमांड है, जहां पर अभी इतने बिजली के मीटर नहीं लग पाए हैं।

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से हिमाचल को मिलने वाले 4500 करोड़ से ज्यादा के एरियर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 11 सितंबर को सुनवाई तय हुई है। इसके लिए हिमाचल सरकार ने अपने अधिकारियों को दिल्ली दौड़ा...