केंद्र करे मदद

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर )

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए धर्मशाला को शीतकालीन राजधानी का दर्जा दिया है। यह एक स्वागत योग्य फैसला है। यहां एक सवाल उठता है कि पहले से ही वित्तीय तंगहाली की मार झेल रहे हिमाचल पर इस फैसले से पड़ने वाले भार को वहन करने के लिए क्या बंदोबस्त किए गए हैं? हालांकि प्रदेश हित में यह फैसला जरूरी हो गया था, ऐसे में जरूरी है कि प्रदेश के कंधों पर आने वाले अतिरिक्त बोझ को बांटने के लिए केंद्र आगे आए। उम्मीद है कि मुश्किल दौर में जिस तरह से केंद्र बिहार या जम्मू-कश्मीर के साथ खड़ा हुआ, वैसे ही हिमाचल को भी आर्थिक राहत दी जाएगी।