चंद हाथों में सिमटी संपदा

( अर्पिता पाठक (ई-मेल के मार्फत) )

ऑक्सफेम की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के एक फीसदी अमीरों के पास देश का करीब 58 फीसदी धन जमा है। सरकार और अमीरों ने साथ मिलकर काम किया, तो देश तेजी से आगे बढ़ सकता है। ऐसा एक फीसदी अमीरों के बारे में लग रहा है। ये लोग तो एकदम सहजता से देश की अर्थव्यवस्था चला सकते हैं। उनके पास मौजूद धन का यदि वे सही तरीके से प्रबंधन करके अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के जरिए योगदान देते हैं, तो विकास को रफ्तार मिलेगी, लेकिन इसकी संभावना कम ही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन लोगों ने नैतिक-अनैतिक तरीकों से धन तो बड़ी मात्रा में जमा कर रखा है, लेकिन उसका सही से उपयोग नहीं हो पा रहा है। यह धन प्रचलन के बजाय कुछ लोगों की तिजोरियों में ही जमा रहता है, लिहाजा उस धन का सही ढंग से उपयोग नहीं हो पाता। भ्रष्टाचार व काले धन के इस खेल ने देश की अर्थव्यवस्था को खोखला बनाकर रख दिया है। यह बात दुनिया में किसी से छिपी नहीं है। अमीरों के पास रहा कितना धन कानूनी है या गैर कानूनी, इसका पता लगाना सरकार का काम है। इस धन का किस तरह उपयोग किया जा सकता है, उस पर विचार होना चाहिए, तभी देश का विकास और हर नागरिक का कल्याण संभव हो पाएगा।