चुनावों का बहिष्कार करेंगे पौंग विस्थापित

जवाली —  प्रदेश पौंग बांध विस्थापितों ने प्रदेश सरकार सहित राजस्थान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विस्थापन के 45 साल बाद भी हक न मिलने पर वे हताश हैं और इस बार के चुनावों का बहिष्कार करने का मन बना लिया है। पौंग बांध संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव मदन मोहन व उपाध्यक्ष प्यारे लाल ने कहा कि पौंग बांध बनने के समय विस्थापितों को प्रदेश सरकार द्वारा घड़साणा, रायसिंह नगर, अनूपगढ़, छत्तरगढ़ में अलॉट हुए थे, उन पर राजस्थान के बाहुबलियों ने कब्जा कर रखा है और उनको छोड़ने का नाम नहीं ले रहे, जिससे पौंग बांध विस्थापितों को परेशानी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पौंग बांध विस्थापितों के हक में फैसला लिया है, परंतु राजस्थान सरकार राजस्थान के बाहुबलियों से मरब्बे खाली करवाने में आनाकानी कर रही है और पौंग बांध विस्थापितों को डराया-धमकाया जा रहा है। राजस्थान सरकार बाहुबलियों से मरब्बों पर बिजाई करवा रही है और पौंग बांध विस्थापितों के हक को खत्म करने पर तुली है। प्रदेश सरकार पौंग बांध विस्थापितों को उनका हक दिलवाने के लिए राजस्थान सरकार के साथ हस्तक्षेप करे और बाहुबलियों से मरब्बे खाली करवाकर विस्थापितों को उनका हल दिलवाए। समिति कई बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से ये मांगें उठा चुकी है, लेकिन अभी तक पौंग बांध विस्थापितों की मांगें हल करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है।

पांच लाख पहुंच चुका है आंकड़ा

जब पौंग डैम बना था उस समय 16125 परिवार विस्थापित हुए थे और आज इन परिवारों की जनसंख्या करीब पांच लाख हो चुकी है। इस मौके पर सोम राज, राजिंद्र कुमार, उत्तम चंद, रतनेश चौधरी, संजीव कुमार, ब्यासो देवी, राम प्यारी, सुलक्षणा देवी, संतोष कुमारी इत्यादि मौजूद रहे।