डा. नंदा हिमाचल से एनजीटी में विशेष सदस्य

केंद्र ने भेजी सूचना, पांच साल के लिए नियुक्ति

शिमला— भारतीय वन सेवा अधिकारी डा. नागीन नंदा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के विशेष सदस्य बनाए गए हैं। उनकी यह नियुक्ति पांच साल के लिए होगी। डा. नागीन नंदा वर्तमान में एडिशनल प्रिंसीपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फोरेस्ट के पद पर कार्यरत हैं। डा. नंदा इस पद से 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। डा. नंदा हिमाचल कैडर से ऐसे पहले आईएफएस अधिकारी हैं, जिनकी इस पद पर नियुक्ति हुई है। केंद्र सरकार ने इस आशय की सूचना राज्य सरकार को भेज दी है। सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश कार्मिक विभाग प्रदेश सरकार की मंजूरी से जल्द उन्हें रिलीफ कर सकता है। यह नियुक्ति इसलिए भी काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि हिमाचल पर्यावरण व प्रदूषण की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों में शामिल है। एनजीटी पहले ही रोहतांग, ब्यास, सतलुज व कसौली पर आधारित कई सख्त आदेश राज्य सरकार को दे चुका है। यही नहीं, रोहतांग से मनाली के लिए डीजल संचालित वाहनों की नियंत्रित आवाजाही राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ चुकी है। यह एनजीटी के ही आदेशों का नतीजा है कि रोहतांग से मनाली तक रोप-वे स्थापित करने की तैयारी चल रही है। हजारों की संख्या में टैक्सी वाहनों की आवाजाही पर रोक है। नियंत्रित संख्या में ही वहां वाहन चल सकते हैं। रोप-वे के साथ ही इलेक्ट्रिकल व सीएनजी बसों का भी विकल्प के तौर पर प्रावधान किया जा रहा है। वहीं, एनजीटी ने शिमला के ऐसे होटलों पर भी कार्रवाई की थी, जिनके पास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट ही नहीं थे। राजधानी की ग्रीन बैल्ट तक में निर्माण पर रोक लगाई गई।

प्रदेश को मिलेगा फायदा

डा. नागीन नंदा की नियुक्ति से हिमाचल के पर्यावरण को और ज्यादा संतुलित बनाने में जहां मदद मिल सकती है, वहीं विकासात्मक प्रोजेक्टों में पेश आ रही दिक्कतों को भी दूर करने में सहायता मिल सकती है। डा. नंदा लंबे अरसे तक राज्य पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव के पद पर कार्यरत रह चुके हैं। वह पर्यावरण निदेशक के पद पर भी अपनी प्रभावी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने वन विभाग में महत्त्वपूर्ण पदों पर प्रभावी सेवाएं दी हैं। उनकी इस नियुक्ति से प्रदेश को आने वाले दिनों में कैसी मदद मिलेगी, यह तो समय बताएगा, लेकिन इतना जरूर है कि इस नियुक्ति को लेकर फिलवक्त वन अधिकारियों में काफी खुशी का माहौल देखा जा रहा है। शनिवार को उन्होंने पीसीसीएफ एसएस नेगी से भी इसी संदर्भ में औपचारिक मुलाकात की। अब देखते राज्य सरकार उन्हें कब तक रिलीव करती है।