दिल्ली छोड़कर पंजाब की हसरत

( डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर )

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर आम आदमी पार्टी पंजाब में सत्तारूढ़ हुई, तो अरविंद केजरीवाल उसके अगले मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि उनके इस विश्वास की पता नहीं क्या वजह रही होगी, पर शायद मनीष सिसोदिया यह नहीं जानते कि पार्टी की जीत पर भी अरविंद केजरीवाल पंजाब में छह माह तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री रह सकते हैं। इससे ज्यादा नहीं। बाद में उन्हें पंजाब संभालना होगा या दिल्ली। दिल्ली की सफाई का क्या हाल है, वह किसी से छिपा नहीं। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इस अव्यवस्था को तो केजरीवाल सुधार नहीं पा रहे, अब पंजाब का कल्याण करने की हसरत उनके मन में जग रही है। बहरहाल दिल्ली में कचरा ही एकमात्र मुद्दा नहीं है। इसके अलावा भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कई समस्याओं से घिरी हुई है। थोड़े वक्त पहले धुएं से दिल्ली बेहाल थी। उस दौरान भी समस्या पर काबू पाने के लिए शासन के हाथ-पांव फूल गए थे। आने वाले समय में दोबारा ऐसे हालात न पैदा हो सकें, क्या दिल्ली के लिए केजरीवाल ने कोई ऐसी व्यवस्था का इंतजाम किया है। बढ़ते अपराध के कारण राजधानी पूरे देश में बदनाम हो रही है। दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर चिंताएं जाहिर करते हुए, दिल्ली को अपराधमुक्त बनाने की न जाने कितनी ही घोषणाएं की थीं। आज उन तमाम घोषणाओं का क्या हुआ? बेहतर यही होगा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के बजाय दिल्ली पर ही अपना ध्यान केंद्रित करें।