पाई की लड़कियां नेशनल कबड्डी टीम में

कैथल – अगर कुछ करने पर आएं तो लड़कियां क्या नहीं कर सकतीं इस बात को सही साबित कर पाई गांव की लड़कियों ने पूरे प्रदेश में गांव का नाम रोशन किया है। पाई गांव हरियाणा में क्षेत्रफल व जनसंख्या की दृष्टि से तो पहले नंबर पर है ही, साथ में बेटियों को भी नंबर एक पर लाने में सबसे आगे है। यहां की बेटियां देश-प्रदेश में कबड्डी में अपना परचम लहरा चुकी हैं। यहां की तीन लड़कियां नेशनल लेवल व लगभग 15 लड़कियां स्टेट लेवल पर कबड्डी में अपना लोहा मनवा रही हैं। इन सभी लड़कियों ने बहुत छोटी उम्र में ही ये मुकाम हासिल किया है। महज एक साल में इन सभी लड़कियों को  कोच राजबीर व उसके सहयोगियों ने प्रशिक्षण दिया है।  कोच राजबीर सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक हैं।  गांव के खिलाडि़यों के लिए उन्होंने हमेशा मेहनत की है।  कबड्डी के नए फॉर्मेट कबड्डी प्रो लीग में भी इस गांव के हर सीजन में लगभग सात-आठ खिलाड़ी खेलते हैं। इन सबकी मेहनत के पीछे कोच राजबीर का बहुत बड़ा हाथ है। यहां के अभिभावक महज पांच साल की उम्र से ही लड़कियों को कबड्डी खेलने के लिए भेजते हैं। लगभग 120 के आसपास छोटी-बड़ी लड़कियां हैं, जो कोच राजबीर और उनकी टीम की मदद से निःशुल्क ट्रेनिंग ले रही हैं। उनके इस अभियान में कोच शमशेर सिंह, दिलबाग सिंह, नरेश कुमार व कई युवा कोच भी योगदान दे रहे हैं। इन सभी हीरों को तराशने का काम सिर्फ एक जौहरी ने किया। अगर देखा जाए तो कोच राजबीर सिंह मानते हैं कि स्कूल प्रशासन, अभिभावक व ग्राम पंचायत ने इस मुकाम को हासिल करने में उनका साथ दिया है। उनका मानना है कि ये मेहनत उनकी अकेले की नहीं है, क्योंकि स्कूल प्रशासन और अभिभावकों ने उन पर विश्वास दिखाया और ग्राम पंचायत ने ग्राउंड से लेकर जिम तक की व्यवस्था करवाने में उनका सहयोग किया।