प्राइमेट पार्क के लिए केंद्र के सहारे

हिमाचल ने मंजूरी के लिए सेंट्रल जू अथारिटी ऑफ इंडिया को भेजा प्रस्ताव

शिमला —  हिमाचल में वानरों पर अंकुश लगाने के लिए स्थापित किए जाने वाले पहले प्राइमेट पार्क के लिए सेंट्रल जू अथारिटी ऑफ इंडिया की अनुमति आवश्यक है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय निर्देशों के बाद अब वाइल्ड लाइफ विंग ने इसकी मंजूरी के लिए प्रस्ताव सीजेडए को भेज दिया है। प्रस्ताव में हिमाचल को पेश आ रही वानर समस्या संबंधी दिक्कतों का विवरण दिया गया है। प्राइमेट पार्क के लिए वित्तीय सहायता राज्य सरकार देने के लिए रजामंद है। लिहाजा सीजेडए जल्द इसकी अनुमति प्रदान करे, ताकि तारादेवी के समीप चिन्हित स्थान पर हिमाचल का पहला प्राइमेट पार्क स्थापित किया जा सके।  इसमें यह भी कहा गया कि वानरों की हैबिट्स व हैबिटेट का पूरा ख्याल रखा जाएगा। वानरों को चिकित्सीय संबंधी सुविधाएं भी यहां पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। इससे पहले सिंबलवाड़ा में भी ऐसे ही प्रोजेक्ट की तैयारी थी, मगर इसकी अनुमति नहीं मिल सकी थी। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि लंबे समय तक वानरों को इन्क्लोजर में नहीं रखा जा सकता है। अब जो प्राइमेट पार्क तारादेवी के समीप स्थापित किया जा रहा है, वह एक सेंक्चुरी की शक्ल का होगा, जिसमें वानरों को बंधक बनाने जैसी कोई भी कवायद नहीं होगी। उन्हें न केवल दो वक्त का खाना मुहैया करवाया जाएगा, बल्कि नियमित आधार पर उनका मेडिकल चैकअप भी होगा। प्रदेश के विभिन्न इलाकों से स्टरलाइजेशन के बाद पकड़े गए वानरों को यहां रखा जाएगा। प्रोजेक्ट यदि कसौटी पर सही उतरता है, तो हमीरपुर, सोलन व प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे प्राइमेट पार्क स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश में वानरों की संख्या सवा तीन लाख आंकी गई है। अब तक सवा लाख वानरों की स्टरलाइजेशन की जा चुकी है। पिछले हफ्ते से इस कार्य को फिर से शुरू किया गया है।