बद्दी की बाल्द नदी में घुला उद्योगों का जहर

सीईटीपी को बिछाई पाइप लाइन फटने से घंटों लीक होता रहा प्रदूषित पानी

बद्दी— औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावे सिफर साबित हो रहे हैं। बद्दी-बरोटीवाला के उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक प्रदूषित पानी के शोधण के लिए केंदूवाला में करीब 65 करोड़ की लागत से स्थापित सीईटीपी प्लांट की एक बड़ी चूक सामने आई है। चूक ऐसी कि जिससे लोगों की जान आफत में पड़ जाती। दरअसल सीईटीपी प्लांट तक पहुंचाने के लिए बिछाई गई भूमिगत पाइप शनिवार सुबह अचानक फट गई। इससे सारा पानी लीक होते हुए बाल्द नदी में घुलता रहा। प्रदूषित पानी के मिलने से सारी नदी में झाग बनने लगा। देखते ही देखते झाग के गुब्बारे हवा में उड़ने लगे। पाइप लाइन फटने के बाद कई घंटे तक लगातार पुल के नीचे केमिकल के पानी का भारी मात्रा में रिसाव होता रहा, लेकिन न तो प्रदूषण विभाग और न ही सीईटीपी के कर्ताधर्ताओं को इसकी भनक लगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची प्रदूषण विभाग की टीम ने सीईटीपी को सूचित किया। बाल्द नदी पुल के नीचे सीईटीपी के लिए बिछाई गई अंडरग्राउंड पाइप लाइन जिस समय फटी उस समय लाइन में पंपिंग चल रही थी और उद्योगों द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट में भेजने के लिए पानी छोड़ा जा रहा था। सूचना मिलने के बाद सीईटीपी व प्लांट को चला रही यूपीए कंपनी की टीम ने पहले लाइन की पंपिंग बंद करवाई। पंपिंग बंद करवाने के बाद स्पॉट से लगभग आधा किलोमीटर दूर लगे बॉल बंद किए गए। इसके बावजूद काफी देर तक रिसाव में कमी नहीं आई। लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद पानी का रिसाव रोका गया। यूपीएल कंपनी के रेस्क्यू टीम के प्रभारी गौरव वर्मा ने बताया कि 12 टैंकरों की मदद से मौके पर फैले केमिकल युक्त पानी को सोखा गया। करीबन चार घंटे की मशक्कत के बाद गड्ढा खाली हुआ और पाइप को रिपेयर करने का काम शुरू किया गया। हैरानी तो इस बात की है कि इनता सब होने के बाद भी अलर्ट जारी नहीं किया। प्रवासी महिलाएं अकसर कैमिकल युक्त नदी के पानी से कपड़े धोती है, वहीं पालतू पशु व जानवर पानी पीते हैं।