बद्दी को कब मिलेगी रेल सुविधा

भूमि अधिग्रहण न होने से अधर में लटकी कसरत, सालों बाद भी सिरे नहीं चढे़ प्रयास

बीबीएन —  बद्दी को रेललाइन से जोड़ने के प्रयास सालों बाद भी सिरे नहीं चढ़ सके हैं। हालात ये हैं कि भूमि अधिग्रहण न होने के चलते प्रदेश की आर्थिक राजधानी बीबीएन के रेल सुविधा से जुड़ने की कवायद अधर में लटक गई है। बद्दी के रेल लिंक से जुड़ने की उम्मीद पाले बैठे उद्यमियों के सब्र का बांध भी अब टूटता नजर आ रहा है। इसी कड़ी में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की हिमाचल इकाई ने बद्दी-चंडीगढ़ रेल लिंक में तेजी लाने के लिए अंबाला रेलवे के डीआरएम के पास डेरा डाला है। औद्योगिक संगठन ने इस बात पर गहरा रोष जाहिर किया है कि बद्दी-चंडीगढ़ रेल लाइन सालों से अटकी है और अभी तक सरकार जमीन अधिग्रहण भी नहीं कर पाई है। सीआईआई के स्टेट चेयरमैन संजय खुराना के नेतृत्व में उद्यमियों का एक दल डीआरएम रेलवे अंबाला दिनेश कुमार को मिला और रेलवे की लटकी परियोजना संबंधित कई मुद्दे उठाए। संजय खुराना ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार अपने व हरियाणा के अधीन आने वाली जमीन का  50 फीसदी अधिग्रहण मूल्य वहन करने को तैयार है। इस संदर्भ में हिमाचल प्रदेश सरकार रेलवे बोर्ड को 45 करोड़ रुपए पहले ही अदा कर दिए हैं। श्री खुराना ने आरोप जड़ा कि हरियाणा के क्षेत्र में भू-अधिग्रहण बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण का रेट डीसी कार्यालय के स्तर पर लंबित पड़ा है। डीआरएम अंबाला ने सीआईआई के मुद्दों को ध्यान से सुना और पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। इसके अलावा प्रस्तावित कालाअंब व पांवटा साहिब औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ने वाले कोरिडॉर का मुद्दा भी उठाया। वर्तमान में कालाअंब इस योजना में नहीं है और नारायणगढ़ को जगाधरी-चंडीगढ़ कोरिडॉर के तहत जोड़ा जाना विचाराधीन है। इसके अलावा भारतीय उद्योग परिसंघ ने बद्दी में रेलवे आरक्षण केंद्र खोलने की मांग उठाई, जिस पर डीआरएम ने सहमति जताई। डीआरएम ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव भेजती है तो इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाया जा सकता है। सीआईआई के प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय चेयरमैन संजय खुराना के अलावा सीएन धर, कर्नल शैलेष पाठक सहित उद्योग जगत के कई प्रतिनिधि मौजूद थे।