मंत्रिमंडल में जाएगा मामला

धर्मशाला में दूसरी राजधानी पर वित्त विभाग कर रहा आकलन

 शिमला— धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाए जाने के बाद अब वित्त विभाग ने इस मामले में आकलन करना शुरू कर दिया है। जल्द इस बाबत रिपोर्ट सरकार को पेश की जा सकती है। इस बड़े मामले में सरकारी कार्रवाई पूरी करने को लेकर इसे मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में लाया जा रहा है। चर्चा के बाद इसमें कुछ और नए सुधार होने की भी उम्मीद है।  शीतकालीन प्रवास के दौरान दो माह तक राजधानी धर्मशाला शिफ्ट करने के लिए अधिकारियों, मंत्रियों व विधायकों  के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था पर ही करोड़ों का खर्च होगा। हालांकि दावा यही हो रहा है कि सर्किट हाउस के साथ जो इमारत तैयार हो रही है, उसमें मुख्यमंत्री व मंत्रियों के रहने की सुविधा होगी। अधिकारी भी इसी के साथ लगते एक ब्लॉक में रह सकेंगे। मार्च महीने तक यह कार्य पूरा होने का दावा है। मगर राजधानी के लिए हर कार्यालय की जवाबदेही व मौजूदगी भी लाजिमी है। ऐसे में दो माह के लिए क्या सभी कार्यालय व विभागाध्यक्ष धर्मशाला मौजूद रह सकते हैं, यह भी सरकार को निर्णय लेना होगा। आधारभूत ढांचे के लिहाज से धर्मशाला को बेहतरीन बताया जा रहा है, जहां पानी-बिजली की कोई कमी नहीं है, मगर जिस तरह से धर्मशाला से मकलोडगंज तक सड़कों पर ट्रैफिक जैम लगते हैं, उसे लेकर भी अलग रणनीति आवश्यक होगी। कई मंत्री इस बड़े मामले पर चुप्पी साधे हैं तो कई मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं। अब मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस मामले को लेकर गरमाहट देखने को मिल सकती है।  बहरहाल, इस बड़े निर्णय पर कुल खर्च कितना होगा, सभी की नजरें इस पर रहेगी। क्योंकि विपक्ष की तरफ से जहां 35 हजार करोड़ के ऋण बोझ को मुद्दा बनाया जा रहा है। वहीं इसे ऐसा सियासी ऐलान बताने में भी कसर नहीं छोड़ी जा रही, जिसका मकसद बड़े वोट बैंक पर प्रभाव जमाना है।