साप्ताहिक घटनाक्रम

*   तकनीकी दिग्गज कंपनी गूगल ने भारत में लगभग पांच करोड़ लघु एवं मझोले उपक्रमों के बाजार में पैठ बनाने के लिए कई पहलें शुरू की हैं। कंपनी ने अपनी ‘माई बिजनेस’ पेशकश के तहत एक नई मोबाइल एप ‘प्राइमर’ और प्रशिक्षण मॉड्यूल शामिल किए हैं। इसके अलावा कंपनी ने ‘डिजिटल अनलॉक्ड’ नाम से एक प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश किया है। इसके लिए उसने उद्योग संगठन फिक्की और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ साझेदारी की है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लोगों को मोबाइल और ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे, जो उन्हें अपने छोटे कारोबारों की डिजिटल यात्रा शुरू करने में मदद करेंगे।

*   विश्व के दूसरी वरीयता प्राप्त टेनिस खिलाड़ी जोकोविक ने विश्व के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी एंडी मरे को फाइनल मुकाबले में हराकर कतर ओपन खिताब जीता.

*   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा उनकी सरकार की प्राथमिकता प्रतिभा पलायन (ब्रेन ड्रेन) को प्रतिभा पाने (ब्रेन गेन) के रूप में बदलना है। प्रधानमंत्री मोदी ने निवेश और अपनी काबिलीयत के योगदान के जरिए सबसे पहले भारत को विकसित करने की अपली की।

*   7-15 जनवरी, 2017 के मध्य ‘नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला’-2017 का आयोजन प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया जा रहा है। इस वर्ष मेले का थीम ‘मानुषी’ है। जिसमें महिलाओं द्वारा तथा महिलाओं के ऊपर लिखने वालों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

*   6 जनवरी, 2017 को भारत और कजाकिस्तान ने मौजूदा दोहरा कराधान निवारण संधि में संशोधन के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि आय पर लगने वाले करों के संदर्भ में दोहरे कराधान को टालने और वित्तीय अपवंचन की रोकथाम के उद्देश्य से 9 दिसंबर, 1996 को इस पर हस्ताक्षर किए गए थे।

*   भारत और सिंगापुर ने कर तथा अन्य आर्थिक सूचनाओं के आदान-प्रदान और साझेदारी के प्रावधानों को दुरुस्त करने के लिए दोहरे कराधान से बचाव संबंधी समझौते के तीसरे प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं। डीटीएए संशोधन के इस प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए जाने से भारत और सिंगापुर के बीच कर स्थिरता सुनिश्चित होगी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

*   पेट्रोल पंप मालिकों के विरोध के बाद बैंकों ने एक प्रतिशत मर्चेंट डिस्काउंट रेट लगाने के फैसले को 13 जनवरी तक टाल दिया है। दरअसल पेट्रोल पंप परिचालक कार्ड के जरिये भुगतान पर एक प्रतिशत शुल्क और उस पर कर लगाने के बैंकों के निर्णय का विरोध कर रहे हैं।