सोमदेव का टेनिस को अलविदा

नए साल पर संन्यास का चौंका देने वाला फैसला

नई दिल्ली – एक चौंका देने वाले फैसले के तहत भारत के शीर्ष टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने रविवार को अचानक ही प्रोफेशनल करियर को विराम देने की घोषणा कर दी। यह बेहद ही हतप्रभ कर देने वाला निर्णय है और इससे सोमदेव के प्रशंसकों को निराशा हुई होगी। सोमदेव ने नए साल के पहले ही दिन ट्विटर पर यह घोषणा की कि वह अपने प्रोफेशनल करियर से संन्यास ले रहे हैं। पिछले कुछ समय से प्रतिस्पर्धी टेनिस से दूर सोमदेव अंतिम बार दो वर्ष पहले यूएसए एफ-10 फ्यूचर्स टेनिस कप में सेबेस्टियन फैंसेलो के खिलाफ खेले थे। उन्होंने यह मुकाबला 3-6, 2-6 से गंवाया था। प्रतिभा के धनी सोमदेव 2008 के बाद से लगातार डेविस कप में देश का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। सोमदेव ने वर्ष, 2011 में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 62 पाई थी और इस बात की संभावना जताई जाने लगी थी कि वह दिग्गज लिएंडर पेस तथा महेश भूपति की तरह बड़ा नाम साबित होंगे। तेजी से सफलता की तरफ कदम बढ़ा रहे सोमदेव को करियर के दौरान अधिकतर चोटों से जूझना पड़ा और इसी के चलते उनका खेल प्रभावित हुआ और वह रैंकिंग में लगातार खिसकते गए। वर्ष, 2009 सोमदेव के लिए सबसे सफल वर्ष था, जिसमें वह चेन्नई ओपन के फाइनल में पहुंचे थे। यह उनका पहला एटीपी टूअर फाइनल था। उन्होंने फाइनल में जगह बनाने से पहले दो बार के चेन्नई ओपन चैंपियन और विश्व रैंकिंग में 42वें नबर के स्पेन के कार्लोस मोया को तथा क्रोएशिया के इवो कार्लोविक को पराजित किया था। हालांकि वह फाइनल में मारिन सिलिच से हार गए थे। इस बीच यह भी चर्चा है कि प्रतिस्पर्धी टेनिस नहीं खेल रहे सोमदेव ने डेविस कप में जीशान की जगह टीम का कोच बनने में रुचि दिखाई है।