26 जनवरी की परेड में हाथी की सवारी करेगा प्रफुल्ल

26 जनवरी की परेड में हाथी की सवारी करेगा बहादुर प्रफुल्ल

राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार के लिए सरकाघाट के छात्र का चयन

सरकाघाट —  राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार-2016 के हीरो की लिस्ट में इस वर्ष हिमाचल प्रदेश के भी सपूत का नाम जुड़ गया है। मंडी जिला के सरकाघाट के 11 वर्षीय प्रफुल्ल शर्मा को भी उनके साहस के लिए यह सम्मान मिलने जा रहा है। प्रफुल्ल शर्मा ने अपनी जान की परवाह किए बिना स्कूल बस की ब्रेक लगा कर 2016 में एक बड़ा हादसा टाल दिया था। उसके इस साहसिक कार्य के चलते कई बच्चों की जान बच गई थी। इसी साहसिक कार्य के लिए प्रफुल्ल शर्मा का चयन इस बार केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार के लिए किया है। 2016 के लिए इस पुरस्कार को पाने वाले प्रफुल्ल हिमाचल प्रदेश से इकलौते हैं। 25 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रफुल्ल सहित ऐसे अन्य बच्चों को ब्रेवरी अवार्ड से सम्मानित करेंगे। प्रफु ल अन्य ऐसे बच्चों के साथ गणतंत्र दिवस की परेड में हाथी की सवारी भी करेगा। इस बारे में प्रफुल्ल के परिवार को भी सूचना व न्योता मिल चुका है, जिसके बाद पूरे परिवार में जश्न व खुशी का माहौल है। प्रधानमंत्री के हाथों प्रफुल्ल को सम्मान के रूप में नकद इनाम राशि व प्रशस्ति पत्र मिलेगा। बता दें कि प्रफुल्ल सरकाघाट के लॉर्ड कान्वेंट स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र है।  गत वर्ष जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस पर प्रफुल्ल शर्मा को आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने वीरता पुरस्कार से नवाजा था। इसके अलावा बाल संरक्षण अधिकार दिवस पर सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने भी प्रफुल्ल को सम्मानित किया था। बहादुर बेटे के पिता नरेश भारद्वाज शिक्षक हैं तो मां अनु बाला गृहिणी हैं। पिता नरेश भारद्वाज ने बताया कि उनके लिए यह बडे़ गर्व की बात है कि प्रफुल्ल को ब्रेवरी अवार्ड मिलने जा रहा है।

कई साथियों की बचाई थी जान

सरकाघाट के लॉर्ड कान्वेंट स्कूल में आठवीं के छात्र प्रफुल्ल ने 13 दिसंबर, 2015 को अपने कई साथियों की जान बचाई थी। दरअसल स्कूल का शैक्षणिक टूअर धर्मशाला के लिए गया था। वापसी में जब स्कूल बस धर्मपुर क्षेत्र में पहुंची तो चालक शौच करने बस से उतर गया। उतराई में बस अचानक ही पीछे की ओर चल पड़ी। बस में बैठे नन्हे छात्र भयभीत होकर चिल्लाने लगे, लेकिन प्रफुल्ल ने हिम्मत दिखा कर ड्राइवर सीट पर बैठकर बस की ब्रेक लगा दी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।