उत्तराखंड में 84 सेंसर

1100 और उपरकण लगाने की तैयारी, वैज्ञानिकों ने दिखाए भूकंप सायरन के मॉडल

देहरादून — भूकंप आने की स्थिति में सायरन बजेगा। इससे लोग अपनी जान बचा सकेंगे। इसके लिए राज्य के संवेदनशील स्थानों पर सेंसर लगाए जाएंगे। आईआईटी रुड़की ने रीजनल अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित किया है। सचिवालय में मुख्य सचिव एस. रामास्वामी की अध्यक्षता में आयोजित सलाहकार समूह समिति की बैठक में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से आईआईटी रुड़की के भूकंप वैज्ञानिक अशोक कुमार ने बताया कि एक मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। भूकंप आने की स्थिति में मोबाइल से एक विशेष प्रकार की बीप के साथ एलर्ट किया जाएगा। इतना ही नहीं अर्ली वार्निंग सिस्टम को ऑल इंडिया रेडियो से भी कनेक्ट किया जाएगा। जहां पर कनेक्टिविटी नहीं है, वहां रेडियो के माध्यम से सायरन बजेगा, यदि रेडियो बंद है तब भी सायरन बजेगा। अर्ली वार्निंग सिस्टम का साफ्टवेयर भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक 84 सेंसर लगाए गए हैं। 1100 सेंसर और लगाए जाने हैं। सेंसर लगाने के बाद सभी संवेदनशील स्थानों पर सायरन लगाए जाएंगे। बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी, सचिव लोनिवि अरविंद सिंह हंयाकी, अपर सचिव स्वास्थ्य नीरज खैरवाल, अपर सचिव आपदा प्रबंधन सी. रविशंकर, निदेशक मौसम विभाग विक्रम सिंह, आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक प्रो. अजय गैरोला, निदेशक जीएसआई बीएम गैरोला, वैज्ञानिक वाडिया इंस्टीच्यूट से  डा. सुशील कुमार आदि उपस्थित थे।