कैंपस से बाहर जाना नहीं आसान
आईटी का भरपूर प्रयोग कर एनआईटी हमीरपुर में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इसके तहत पीएचडी के अलावा एनआईटी के छात्र अपने कैंपस से बाहर पांव नहीं रख सकेंगे। किसी भी छात्र को कैंपस के बाहर बाकायदा ई-मेल से आग्रह भेजने पर ही भेजा जाएगा। वार्डन की ई-मेल पर अनुमति मिलने पर ही किसी भी छात्र को कैंपस से बाहर निकलने की अनुमति होगी। इस अनुमति के दौरान ही छात्रों के अभिभावकों को उनके मोबाइल पर इस गतिविधि का एसएमएस चला जाएगा। एनआईटी ने यह अहम फैसला शिकारी देवी हादसे के बाद लिया है। छात्रों ने वार्ड को घर जाने का आवेदन देकर छुट्टी ली थी। इसकी घरवालों को कानोंकान खबर नहीं थी। लिहाजा अब एनआईटी में अहम फैसला लिया गया है कि घर जाने की छुट्टी तो दूर कैंपस से बाहर आने के लिए भी ई-मेल से आग्रह भेजना होगा। इसके लिए आवेदनकर्ता छात्र को होस्टल वार्डन को ई-मेल भेजनी होगी। इसमें एचओडी और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी सीसी में रखना होगा। मेल के माध्यम से जोड़े गए सॉफ्टवेयर इसकी तुरंत सूचना छात्रों के अभिभावकों को मोबाइल संदेश से भेज देगा। इसमें बताया जाएगा कि उनका छात्र इस उद्देश्य से छुट्टी लेकर कैंपस इतने समय के लिए बाहर गया है। एनआईटी में तीसरी आंख का पहरा अधिक बढ़ा दिया गया है। छात्रों को नशे के चंगुल से दूर रखने के लिए चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए हैं।