कल बहुमत साबित करेंगे पलनिसामी

31 सदस्यीय मंत्रिमंडल के साथ ली शपथ, तमिलनाडु में अढ़ाई महीने में तीसरा मुख्यमंत्री

चेन्नई— कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद आखिरकार तमिलनाडु को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। गुरुवार को शशिकला के करीबी ई पलनिसामी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल विद्यासागर राव ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। इससे पहले राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता देते हुए बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था।  एआईडीएमके के मुताबिक तमिलनाडु में 18 फरवरी को विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा और उसी दिन पलनिसामी बहुमत साबित करेंगे। बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सजा सुनाए जाने के बाद शशिकला ने विधायकों की मीटिंग बुलाकर पलनिसामी को विधायक दल का नेता चुन लिया था। गवर्नर से मुलाकात में पलनिसामी ने मंगलवार शाम को ही अपने समर्थन में 124 विधायकों की लिस्ट सौंपी थी। सभी हालातों और दावों पर विचार करने के बाद राज्यपाल ने पाया कि पलनिसामी के पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन है, इसलिए उन्हें सरकार बनाने का मौका दिया गया। इसके साथ ही उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।  श्री पलनिसामी ने पार्टी के बागी नेता ओ पन्नीरसेल्वम के मंत्रिमंडल में शामिल रहे मंत्रियों को फिर मंत्री बनाने का फैसला किया है। मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ नेता केए सेंगोट्टयान की वापसी हुई है और सूची में उनका नाम स्कूल शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री के रूप में तीसरे क्रम पर है। श्री सेंगोट्टयान पूर्व मंत्री पांडियाराजन का स्थान लेंगे, जो पार्टी से बगावत कर पन्नीरसेल्वम खेमे के साथ हैं। पलनिसामी वित्त मंत्रालय के अलावा निवर्तमान मुख्यमंत्री के पास रहे सभी विभागों का दायित्व संभालेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के वफादारों में शुमार श्री पलनिसामी गत वर्ष मई में राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में अन्नाद्रमुक की शानदार वापसी के 10 महीनों के भीतर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले तीसरे शख्स हैं। इससे पहले सुश्री जयललिता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उनके निधन के दौरान श्री पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। पलनिसामी के सीएम बन जाने के बाद यह साफ हो गया है कि आने वाले वक्त में एआईडीएमके की कमान शशिकला के हाथों में ही रहेगी। पार्टी में विवाद तब शुरू हुआ था, जब शशिकला ने मुख्यमंत्री बनने की कोशिश की और पन्नीरसेल्वम ने इसका विरोध करते हुए बगावत कर दी। इस बीच पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि वह शशिकला के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे।